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Eye Flu havoc in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आई फ्लू का कहर, बस्तर से लेकर दुर्ग तक संक्रमण, एक्सपर्ट ने दिए ये सुझाव, जानें

छत्तीसगढ़ में आई फ्लू का कहर है. कई जिले आई फ्लू की चपेट में हैं. बस्तर से लेकर दुर्ग संभाग तक संक्रमण तेजी से फैला है. गांवों में कैंप लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है. स्कूलों में भी बच्चों की आंखों की जांच की जा रही है.

Eye Flu havoc in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में आई फ्लू का कहर

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Published : Jul 26, 2023, 11:18 PM IST

Updated : Jul 27, 2023, 8:46 AM IST

जगदलपुर में फैलता आई फ्लू

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में आई फ्लू का कहर बरपा है. आई फ्लू के मरीज हर जिले में मिल रहे हैं. जगदलपुर जिले में भी डायरिया के बाद आई फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है. इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है. दुर्ग और बस्तर के साथ ही बिलासपुर और कवर्धा में तेजी से संक्रमण फैला है. सबसे ज्यादा दुर्ग और बस्तर में मरीज हैं. बस्तर में अकेले महारानी अस्पताल में ही रोजाना 20 से 30 बच्चे आंख का इलाज कराने पहुंच रहे हैं. जगदलपुर जिला मुख्यालय के साथ ही दूसरे ब्लॉक के स्कूलों में बच्चों की आंखों की जांच की जा रही है, ताकि आई फ्लू पर काबू पाया जा सके.

किस जिले में कितने मरीज: दुर्ग में 1353 आई फ्लू मरीज मिले हैं. बस्तर में भी यह आंकड़ा 1200 के पार पहुंच चुका है. कवर्धा और बिलासपुर जिले में 500 से ज्यादा मरीज मिले हैं. वहीं कांकेर जिले में आई फ्लू के 30 मरीज ही मिले हैं. सरगुजा में आई फ्लू के 120 मरीज पाए गए हैं. सभी बच्चे हैं. यहां के नवोदय विद्यालय में भी आई फ्लू फैला है. कवर्धा के पंडरिया में भी आई फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यहां करीब 10 बच्चे आई फ्लू से प्रभावित हैं. कवर्धा के कोलेगांव में करीब 150 बच्चों को आई फ्लू का संक्रमण हुआ है. पंडरिया ब्लॉक के अंतर्गत 42 स्वास्थ्य केंद्र 8 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जहां सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आई फ्लू की एंटीबायोटिक दवा उपलब्ध है.

''यह सामान्य रोग है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है. अलग अलग क्षेत्रों में टीम को तैनात कर स्क्रीनिंग की जा रही है.''-आरके चतुर्वेदी,जिला चिकित्सा अधिकारी ,जगदलपुर

आई फ्लू के लक्षण: आंखें लाल हो जाती हैं. आंखों से पानी आने लगता है, जलन होती है, पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा हो जाता है. आंखों में चुभन के साथ ही सूजन आ जाती है. अगर इन्फेक्शन ज्यादा हो तो कॉर्निया को भी नुकसान पहुंचा सकता है. कंजक्टिवाइटिस को सामान्य भाषा में आंख आना कहा जाता है. यह वायरल, बैक्टीरियल, एलर्जिक भी हो सकता है.

''यह संक्रामक बीमारी है. यही वजह है कि स्कूलों में स्क्रीनिंग कर रहे हैं और उचित सलाह भी दे रहे हैं.'' -डॉ सरिता,नेत्र विशेषज्ञ

आई फ्लू से बचाव कैसे करें: आंखों की सफाई का ध्यान रखें. ठंडे पानी से अपनी आंखों को बार बार धोएं. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें. संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं. संक्रमित व्यक्ति का चश्मा, तौलिया, तकिया न छुएं. अपना तौलिया, रूमाल, चश्मा किसी से शेयर न करें.

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आई फ्लू होने पर क्या करें: हाथों को बार बार धोएं. आंखों को रगड़ना नहीं है. आई ड्रॉप लगातार इस्तेमाल करना है. बिना डॉक्टर की सलाह से मेडिकल से आई ड्रॉप नहीं लेना है. लगातार चश्मे का इस्तेमाल करना है. बार बार आंखों पर हाथ न लगाएं. आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें. आंखों पर बर्फ की सिकाई से जलन और दर्द से राहत मिलती है. गंदगी और ज्यादा भीड़ वाली जगह पर न जाएं.

Last Updated : Jul 27, 2023, 8:46 AM IST

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