बस्तर:बस्तर में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. जिले में कांगेर वैली नेशनल पार्क में हुए भ्रष्टाचार मामले में दोषियों पर कार्रवाई होने की बात कही जा रही है. दरअसल, नैसर्गिक सुंदरदा से भरपूर बस्तर के सबसे खूबसूरत कांगेर वैली नेशनल पार्क घोटाले का सच सामने आ गया है. भ्रष्टाचार के मामले में कांकेर वैली नेशनल पार्क के कोलेंग वन परिक्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर दोषी पाए गए हैं. उनके ऊपर दंडात्मक कार्रवाई करने की बात अधिकारियों ने कही है.
ईटीवी भारत की खबर का असर, कांगेर वैली नेशनल पार्क में भ्रष्टाचार की होगी जांच - कांगेर वैली नेशनल पार्क के डीएफओ धम्मशील गणवीर
Kanger Valley National Park corruption case हाल ही में कांगेर वैली नेशनल पार्क में भ्रष्टाचार मामले में अब डीएफओ दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही रहे हैं. दरअसल, कुछ दिनों पहले ही ईटीवी भारत ने भ्रष्टाचार की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसका असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है.
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Nov 29, 2023, 10:26 PM IST
डीएफओ ने कार्रवाई का दिया आश्वासन: दरअसल, कांगेर वैली नेशनल पार्क के डीएफओ धम्मशील गणवीर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि , "बीते दिनों नेशनल पार्क के कोलेंग इलाके के काचीररास से लेंटाना उन्नमूलन कार्य पर भ्रष्टाचार की जानकारी ईटीवी भारत से मिली थी. शिकायत के बाद एसडीओ को जांच के लिए भेजा गया था. विभागीय जांच में कोलेंग वन परिक्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर दोषी पाए गए हैं. जिन पर आवश्यक कार्रवाई के लिए मुख्य वन संरक्षक को लेख किया गया है. साथ ही दोनों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. यदि उनका स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं रहा. तो दोषियों पर अनुशासनात्मक औक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी."
ये है पूरा मामला: कांगेर वैली नेशनल पार्क के कोलेंग वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 333 में लेंटाना उन्मूलन काम के नाम पर 50 से अधिक ग्रामीणों के खाते में अलग-अलग किस्तों के पैसे बिना काम के व्हाउचर बनाकर डाले गए थे. ग्रामीणों में बीते 3 सालों से काम नहीं करने और खाते में पैसे डाले जाने की बात को स्वीकार किया. पैसे को कुछ दिन बाद ग्रामीण के खाते से निकलकर खुद अधिकारी डकार लिए थे. इस भ्रष्टाचार का खुलासा ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट कर किया था. खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया. भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच शुरू हुई. इसमें विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर पूरी तरह से दोषी पाए गए हैं. अब देखना होगा कि विभाग के अधिकारी दोषियों पर किस तरह की कार्रवाई करते हैं.