कांकेर:वनोपज पर आधारित बस्तर की अर्थव्यवस्था (Economy of Bastar) में तेंदूपत्ता (tendu patta collection) को हरा सोना कहा जाता है. बस्तर में आदिवासियों की आजीविक का मुख्य साधन तेंदूपत्ता है. कांकेर जिले में वर्ष 2021 में कोरोना के प्रकोप और मौसम की मार के बावजूद जिले के भानुप्रतापपुर(Bhanupratappur) विकासखंड के पूर्व भानुप्रतापपुर वन मंडल (east Bhanupratappur forest division) ने रिकॉर्ड बनाते हुए लक्ष्य का 94.34 फीसदी तेंदूपत्ता संग्रहण किया है.
तेंदूपत्ता संग्रहण में बनाया रिकॉर्ड वन मंडलाधिकारी मनीष कश्यप के मुताबिक वन मंडल में कुल 91 हजार 320 मानक बोरा का तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया है. जबकि लक्ष्य 96 हजार 900 मानक बोरा था. वर्ष 2020 में 81 हजार 348 मानक बोरा का संग्रहण हुआ था. वन मंडल में कुल 68 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया है. इसमें 36 करोड़ रुपये पारिश्रमिक राशि का भुगतान संग्राहकों को अभी किया जा रहा है. शेष राशि बोनस के रूप में बाद में सभी को दिया जाएगा.
महासमुंद में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम लक्ष्य से पीछे
40 से 50 हजार रुपये की आमदनी
वन मंडलाधिकारी मनीष कश्यप ने बताया, वन मंडल में कुल 42 समिति है. इसमें 36 हजार 29 संग्रहक हैं. जो तेंदूपत्ता की तुड़ाई करते हैं. 15 दिन के तेंदूपत्ता तुड़ाई से औसतन प्रति संग्रहक को 19 हजार रुपये की आमदनी हुई है. इसमें 10 हजार रुपये पारिश्रमिक राशि के रूप में मिलेगा. एक परिवार में औसतन 2 से 3 संग्रहक होते हैं. इस तरह हर एक आदिवासी परिवार को इस कठीन समय में 40 से 50 हजार रुपये की आमदनी हुई है. जो उनके लिए बहुत उपयोगी होगा.
12.82 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण
इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण में पूर्व भानुप्रतापपुर वन मंडल छत्तीसगढ़ में संग्रहण प्रतिशत, मात्रा और पारिश्रमिक राशि में पहले नंबर पर है. पूरे छत्तीसगढ़ में 12.82 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ है. जबकि मात्र 77% लक्ष्य कि प्राप्ति हुई है. वन मंडल के स्टाफ की कड़ी मेहनत से प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. जब वन मंडल में 5 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण चालू हुआ था, तब मौसम 10 दिन तक खराब रहा और यही पीक सीजन होता है. एक समय ऐसा लग रहा था, मानो 50 फीसदी लक्ष्य प्राप्त हो जाए बहुत है, पर जैसे ही मौसम साफ होना चालू हुआ सभी फड़ में जा-जाकर स्टाफ द्वारा ठेकेदारों से फड़ चालू करवाया गया. लॉकडाउन लगने के बावजूद सभी ठेकदारों और उनके मजदूरों को सभी फड़ों तक सेट किया और संग्रहण को लंबा खींच कर 25 मई तक चलाया गया.