जगदलपुर: एक ओर जहां गांव और शहर विकास की राह में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नशे की लत गांवों और शहरी क्षेत्रों में अपने पैर पसार रहा है. युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आकर बर्बादी की ओर रूख कर रही है. युवाओं का एक बड़ा वर्ग नशे के लिए टेबलेट, सिरप और बॉनफिक्स जैसी दवाइयों का उपयोग कर रहा है. इसमें मुख्य रूप से स्कूली बच्चे शामिल हैं.
बस्तर में बढ़ रहा है नशे का कारोबार पुलिस नशे की लत छुड़ाने के लिए शहर और गांवों में नशा विरोधी मुहिम तो चला रहा है, लेकिन बावजूद इसके नशीली दवाइयों का कारोबार फल-फूल रहा है. बस्तर जिले में नशे का करोबार कम होने की जगह दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. शहर में युवा पीढ़ी नशे के गिरफ्त में है. गुमटियों, चाय के ठेलों और स्कूल के आस-पास मौजूद किराने की दुकान में आसानी से नशे की चीजें मिल जाने से अब स्कूली बच्चों का एक बडा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है.
6 से अधिक मामलों पर हुई कार्रवाई
मेडिकल स्टोर संचालक भी स्पास्मों, कफ सिरप जैसी दवाईयों की अवैध बिक्री कर रहे हैं, वहीं नशे का कारोबार करने वाले अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. इस मामले में पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि 'नशे के व्यापार को रोकने के लिए एक टीम का गठन किया गया है. टीम ने पिछले सप्ताह में 6 से अधिक मामलों पर कार्रवाई की है. नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. सीएसपी हेमसागर सिदार ने बताया कि 'आने वाले दिनों में शहर शिक्षण संस्थाओं में नशे के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है.
नशीले पदार्थों के करोबार में तेजी
बता दें कि पिछले 2 साल की तुलना मे शहर में नशीले पदार्थों का करोबार तेजी से बढ़ा है. लगातार युवा वर्ग इसकी चपेट मे आकर अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, बावजूद इसके पुलिस फलते-फूलते नशीले कारोबार को रोक पाने मे नाकामयाब साबित हो रहा है.