जगदलपुर: संकट के इस दौर में जहां लोग एक-दूसरे की मदद के लिए सामने आ रहे हैं, वहीं बस्तर में रेलवे कर्मचारियों का अमानवीय चेहरा सामने आया है. सालों से रेलवे के खंडहर क्वॉटर्स में रह रहे गरीब लोगों को आरपीएफ का दल बिना नोटिस दिए ही खदेड़ने पंहुच गया. साथ ही साथ उनके आशियानें भी तोड़ दिए. कार्रवाई शुरू होते ही यहां रह रहे लोग इकट्ठा हो गए और इसका विरोध करना शुरू कर दिया.
कार्रवाई के दौरान रेलवे की टीम और कब्जाधारियों के बीच विवाद शुरू हो गया और दोनों के बीच झूमा-झटकी भी हुई. इसके बाद दोनों ही पक्ष बोधघाट थाने पहुंचे और मामले की जानकारी देते हुए अपनी-अपनी शिकायत दर्ज कराई है.
प्रायोजित तरीके से कार्रवाई करने का आरोप
सालों पहले यहां पहुंचे 300 से 400 गरीब परिवारों ने अपना आशियाना तैयार किया. अब अचानक रेलवे कर्मचारियों की धमक और उसके बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद यहां रह रहे लोगों ने प्रशासन से सवाल किया है. लोगों का कहना है कि कोरोना के इस समय में उन्हें किराए का रूम भी नहीं मिलेगा. कार्रवाई के समय को लेकर भी वहां रह रहे लोगों ने कहा कि इस समय वे कहीं नहीं जा सकते. उन्होंने रेलवे पर प्रायोजित तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.