जगदलपुर: प्रदेश के अन्य जिलों की तरह अब बस्तर में कोरोना के मामलों के साथ-साथ संक्रमितों के मौत के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में संक्रमित मरीजों की मौत के केस सामने आ रहे हैं, जिसमें 50 वर्ष के अधिक उम्र के लोगों की संख्या ज्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल कोरोना के नए स्ट्रेन ने रिकवरी के प्रतिशत को घटा दिया है और तीन-चार दिनों तक इलाज नहीं मिलने की स्थिति में संक्रमित मरीजों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. यही वजह है कि इससे उनकी मौत भी हो रही है.
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बस्तर जिले में पिछले साल कोरोना से अबतक 125 लोगों की मौत हो चुकी है और इसमें युवा वर्ग के साथ-साथ 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या ज्यादा है. हालांकि डॉक्टरों के मुताबिक इस साल कोरोना के नये स्ट्रेन ने भारी तबाही मचाई है. इससे मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं. जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 7 दिनों में 16 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है. वहीं रोजाना 150 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान बस्तर में हो रही है. इनमें से अधिकतर मरीजों को होम आइसोलेट कर इलाज पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा क्वारंटाइन सेंटर और गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का डीमरापाल कोविड अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि जिले में इस साल मौत के आंकड़े बढ़े हैं और रिकवरी का प्रतिशत भी कम है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम कोशिश कर रही है कि संक्रमित मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके.
बड़ी संख्या में बेड खाली
डॉक्टरों का यह भी कहना है कि कई मरीजों की स्थिति बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया और जिन्हें पहले से ही अन्य बीमारी की शिकायत है, ऐसे में उन्हें बचा पाना काफी मुश्किल होता है, लेकिन डॉक्टर्स की टीम बेहतर इलाज के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक डीमरापाल कोविड अस्पताल में वर्तमान में 200 बेड की सुविधा है, जिसमें 141 बेड खाली हैं जबकि 59 एक्टिव मरीजों का इलाज जारी है. वहीं धरमपुरा आइसोलेशन सेंटर में 194 लोगों का इलाज चल रहा है, इसके अलावा बकावंड आइसोलेशन सेंटर में पूरे 450 बेड खाली हैं. शहर के एक निजी अस्पताल में 32 मरीजों का इलाज जारी है और यहां 18 बेड खाली पड़े हैं.