जगदलपुर:नक्सली हिंसा से जूझ रहे बस्तर में महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़े हैं. आंकड़े बताते हैं कि जिले में साल दर साल अनाचार के मामले बढ़े हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं सूनसान क्षेत्रों में लड़कियां और महिलाएं निकलने से डरती हैं. एक तरफ जहां समाजसेवियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए, वहीं पुलिस का दावा है कि ऐसे मामलों को निपटाने में कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है.
बस्तर में बढ़ रहे महिलाओं के खिलाफ अपराध हाल ही में प्रदेश के डीजीपी ने भी महिला संबंधी अपराधों के मामले में सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को क्विक एक्शन के भी निर्देश दिए हैं. लेकिन अगर जिले की बात करें तो यहां न शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अनाचार के मामले बढ़े हैं बल्कि पुलिस कई केसेस को अब तक नहीं सुलझा पाई है.
'तेजी से काम करे पुलिस'
इधर लंबे समय से महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रहे शहर के समाजसेवियों का कहना है कि बस्तर पुलिस महिला संबंधी अपराध मामलों में काफी धीरे काम कर रही है. उनका कहना है कि अगर गंभीरता न हो तो न्याय जल्दी मिलने की उम्मीद खत्म हो जाती है. समाजसेवियों का कहना है कि थाने में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे पीड़िता सहज महसूस कर सके.
पढ़ें-SPECIAL: कुम्हारों की दिवाली काली कर रहे हैं गोबर के दीये, नहीं बिक रहे मिट्टी के दीये
'महिला पुलिसकर्मी बढ़ाई जाएं'
वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास रथ का भी कहना है कि बस्तर पुलिस महकमे में महिला स्टाफ की कमी भी बनी हुई है. महिला संबंधी अपराध मामलों में पुलिस को थोड़ी और मजबूती से कार्य करना चाहिएं जिससे कि पीड़िताओ में पुलिस के प्रति भरोसा जाग सके. जिले में अनाचार के मामले तेजी से बढ़े हैं और ऐसे कई अनाचार के मामले अभी भी पुलिस के पास लंबित पड़े हैं, ऐसे में पुलिस को एक विशेष टीम बनाकर या फिर ऐसे मामलों में जल्द से जल्द सुनवाई कर आरोपी को सजा दिलाकर पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाना चाहिए.
एसपी ने दिया भरोसा, कहा- कोरोना ने भी असर डाला
बस्तर एसपी दीपक झा का कहना है कि जिला पुलिस महिला संबंधी अपराधों को रोकने और महिलाओं को ऐसे मामलों में जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए पूरी कोशिश में लगी हुई है. जिले में पिंक टीम का भी गठन किया गया है जो विशेष तौर पर महिलाओं और युवतियों के सहयोग के लिए बनाई गई है. एसपी दीपक झा का कहना है कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में जिला न्यायालय के कामकाज ठप हुए हैं, जिससे कई मामले पुलिस और कोर्ट में लंबित पड़े हैं, जिनका जल्द से जल्द निराकरण करने में पुलिस जुटी हुई है.
जल्द कार्रवाई का आश्वासन
एसपी ने कहा कि बस्तर में महिलाओं की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस ने उठा रखा है और इस जिम्मेदारी को अच्छे से निभाने के लिए पुलिस समय-समय पर बैठक कर नये दिशा निर्देश भी जारी करती है, वही ऐसे मामलों को रोकने के लिए पुलिसिंग भी मजबूत की जा रही है साथ ही पेट्रोलिंग भी बढ़ाई गई है, इसके अलावा एसपी ने कहा कि ऐसे महिला संबधी अपराध मामलों में आरोपियों को संरक्षण देने वाले किसी भी पुलिस के कर्मचारियों को भी बख्शा नही जाएगा और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल एसपी ने महिला सबंधी अपराध के सभी लंबित मामलों को जल्द से जल्द निराकरण कर लेने और आरोपीयो को सजा दिलाने की बात कही है.
हाल ही में प्रदेश के डीजीपी ने भी महिला संबंधी अपराधों के मामले में सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को क्विक एक्शन के भी निर्देश दिए हैं. उम्मीद करते हैं बस्तर जिले में भी ये देखने को मिले.
बस्तर पुलिस से मिले आंकड़ों पर एक नजर डाल लेते हैं-
- 1 जनवरी से 22 अक्टूबर 2020 तक 80 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से 71 मामलों में 78 आरोपियों की गिरफ्तार हुई है. वहीं 51 चालान पेश किए गए हैं और 56 आरोपियों की गिरफ्तार हुई है. इसके अलावा अभी भी बलात्कार के 51 मामले अदालत में पेंडिंग हैं, वहीं 29 मामले पुलिस के पास पेंडिंग हैं.
- 1 जनवरी से 22 अक्टूबर 2020 तक किडनैपिंग के 36 केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 2 खारिज हुए हैं. वहीं सिर्फ 2 गिरफ्तारी हुई है और 2 का चालान पेश किया गया है. 2 केस पेंडिंग हैं और पुलिस के हाथ में 32 मामले हैं.
- वहीं शीलभंग (354) के1 जनवरी से 22 अक्टूबर 2020 तक 35 मामले दर्ज किए गए हैं. इसमें 30 मामलों में 36 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. 17 चालान पेश किए हैं. इसके अलावा 17 केस कोर्ट में हैं और 18 मामले पुलिस के पास हैं.
- इसके अलावा छेड़छाड़ के पुलिस ने 10 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और पुलिस के पास 10 मामले लंबित हैं.
- कुल मिलाकर महिला संबंधी अपराध के 161 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 107 मामलों में 120 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. इसके अलावा 70 चालान पेश किए गए हैं और 70 मामले अदालत में पेंडिंग हैं. वहीं 89 मामले बस्तर पुलिस के पास पेंडिंग हैं.