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कॉन्टैक्ट लेंस मॉनीटरिंग सिस्टम से होगी मरीजों की देखभाल, इमरजेंसी में डॉक्टर के मोबाइल पर आएगा अलर्ट - डोजी कॉन्टैक्ट लेंस मॉनीटरिंग और अर्ली वार्निंग सिस्टम

बस्तर संभाग के इकलौते मेडिकल कॉलेज व सबसे बड़े डिमरापाल जिला (Dimrapal District Hospital) अस्पताल में मरीजों की मॉनीटरिंग के लिए कॉन्टैक्ट लेंस मॉनीटरिंग (Contact Lens Monitoring System) सिस्टम की शुरुआत की गई है. इससे मरीजों के इलाज में काफी सुविधा होगी.

Dimrapal District Hospital
डिमरापाल जिला अस्पताल

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Published : Nov 20, 2021, 9:26 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों को मुहैया कराने के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में बस्तर संभाग के इकलौते मेडिकल कॉलेज व सबसे बड़े डिमरापाल जिला (Dimrapal District Hospital) अस्पताल में मरीजों की मॉनीटरिंग (Ppatient Monitoring) के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया गया है. इससे डॉक्टर अब अस्पताल में नहीं होने के बावजूद आसानी से अपने मरीजों की देखभाल कर सकेंगे.

डॉक्टर कहीं भी हों कर सकेंगे मरीजों की मॉनीटरिंग

इस बारे में डिमरापाल अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर टीकू सिन्हा ने बताया कि शहीद महेंद्र कर्मा डिमरापाल अस्पताल में मरीजों की मॉनीटरिंग के लिए कॉन्टैक्ट लेंस मॉनीटरिंग सिस्टम (Contact Lens Monitoring System) लगाया गया है. इसे डोजी कॉन्टैक्ट लेंस मॉनीटरिंग और अर्ली वार्निंग सिस्टम (Doji Contact Lens Monitoring and Early Warning System) भी कहा जाता है. यह सिस्टम अस्पताल के कोविड, मेडिसिन और सर्जरी आईसीयू वार्ड में लगाया गया है. उन्होंने बताया कि इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से डॉक्टर्स और स्टाफ अपने मोबाइल फोन से मरीज के हार्ट रेट, रेस्पिरेशन रेट, एसपीओटू व बीपी की मॉनीटरिंग की जा सकती है. इसमें अलर्ट सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे अगर किसी मरीज का पैरामीटर कम-ज्यादा होता है तो डॉक्टर के मोबाइल फोन पर तत्काल अलर्ट मैसेज पहुंच जाएगा.

सबसे पहले डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में हो रहा इस अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

डॉ टीकू सिन्हा ने बताया कि इस तरह की बेहतरीन अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल प्रदेश में सबसे पहले बस्तर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में किया जा रहा है. गौरतलब है कि डिमरापाल अस्पताल में बस्तर संभाग के सातों जिलों के मरीज बेहतर उपचार के लिए यहां आते हैं, लेकिन हमेशा से यह शिकायत रही है कि स्टाफ की कमी से कई बार त्वरित इलाज नहीं हो पाता. साथ ही चिकित्सकों की कमी से भी सभी स्पेसियलिस्ट डॉक्टर के पद अभी भी खाली हैं. ऐसे में इस मशीन के जरिये समय पर मरीज को इलाज मिल सके, इसके लिए प्रदेश में सबसे पहले केवल बस्तर में यह मशीन लगाई गई है. अब देखना होगा कि इस नये उपकरण से कितने गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकती है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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