जगदलपुर:बस्तर संभाग में कई जलप्रपात और पर्यटन स्थल हैं. बारिश के दौरान इनकी सुंदरता देखते ही बनती है. वैश्विक महामारी कोरोना का सबसे ज्यादा असर बस्तर के पर्यटन स्थलों पर देखा जा सकता है, मानसून के आते ही चित्रकोट जलप्रपात का नजारा बेहद खूबसूरत (beauty of chitrakot waterfall) हो जाता है. लेकिन पर्यटन स्थलों के बंद होने के चलते पर्यटक चित्रकोट के मनोरम दृश्य को देखने से वंचित हो रहे हैं. हर वर्ष मानसून के शुरू होते ही पर्यटक बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. लेकिन इस साल चित्रकोट जलप्रपात वीरान नजर आ रहा है. पर्यटन स्थलों के बंद होने से यहां के होटल और अन्य पर्यटन व्यवसाय पर बड़ा असर पड़ा है. (Chitrakote falls water level increased )
गुलजार हुआ चित्रकोट जलप्रपात SPECIAL: गुलजार बस्तर में पसरा सन्नाटा, घाटे में हैं पर्यटन से जुडे़ व्यवसाय
अभी तो ये शुरुआत है
दरअसल बारिश के मौसम के आते ही बस्तर के जलप्रपातों की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. हालांकि अभी बारिश की शुरुआत हुई है. ऐसे में इंद्रावती नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ ही चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती भी अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. गर्मियों के दिनों में नदी में काफी कम पानी रहने की वजह से चित्रकोट जलप्रपात का नजारा काफी फीका पड़ जाता है. लेकिन बरसात के दिनों की शुरुआत से ही जलस्तर बढ़ने के साथ चित्रकोट जलप्रपात का नजारा काफी मनमोहक हो जाता है. हालांकि इस बार पिछले 2 महीने से प्रशासन द्वारा किए गए लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा असर बस्तर के पर्यटन स्थलों पर पड़ा है. कोरोना की वजह से बस्तर के सभी पर्यटन स्थलों को आम जनों के लिए बंद कर दिया गया है. इस वजह से पर्यटक इस मनमोहन दृश्य का लुफ्त नहीं उठा पा रहे हैं.
पर्यटन स्थलों के भ्रमण पर रोक, कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लिया गया फैसला
अनलॉक हो रहा बस्तर
जिले को अनलॉक करने की प्रक्रिया भी प्रशासन ने शुरू कर दी है. अप्रैल महीने के पहले ही जिले के सभी पर्यटन केंद्रों को जिला प्रशासन ने बंद करा दिया था. अबतक यहां प्रशासन ने लॉकडाउन लागू रखा है. चित्रकोट के स्थानीय दुकानदारों ने चित्रकोट और अन्य पर्यटन केन्द्रों को छूट देने और दोबारा पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थलों को खोलने की मांग की है. ताकि बरसात के समय इस खूबसूरत नजारे को देखने ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां पहुंच सकें. जिससे स्थानीय व्यापारियों को आय प्राप्त होने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके.