जगदलपुर:नियमितीकरण और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कर्मचारियों के खिलाफ सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 50 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. वहीं बस्तर जिले में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों में से 4 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों पर FIR की मांग को लेकर बस्तर एसपी को पत्र लिखा है.
4 एनएचएम कर्मचारियों पर FIR की मांग पत्र में 4 कर्मचारियों में संतोष सिंह, प्रवीण निगम, राजेंद्र नेताम, राजेन्द्र बघेल के नाम शामिल है. ये सभी विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक हैं. इधर बर्खास्तगी और FIR के आदेश से हड़तालीकर्मियों में काफी आक्रोश है. पूरे प्रदेशभर से हड़ताल पर बैठे सभी 13 हजार कर्मचारियों ने शासन के इस निर्णय के खिलाफ मंगलवार को सरकार को सामूहिक इस्तीफा सौंपने की बात कही है.
सामूहिक इस्तीफा सौंपने की चेतावनी
दरअसल इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य संबंधी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे समय में इन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से राज्य सरकार और बस्तर जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने यह कदम उठाया है. फिलहाल सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं और सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंपने की चेतावनी दी है.
पढ़ें:जगदलपुर: नियमितीकरण की मांग को लेकर 600 एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे
बता दें कि 19 सितंबर से नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदेश के 13 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. बस्तर जिले के 600 संविदा कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं जो NHM के तहत संविदा में काम कर रहे हैं. सभी स्वास्थ्यकर्मी तरह-तरह से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. जिसे सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है. यही वजह है कि महामारी के इस दौर में ये स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं.