छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए 52 चीतल

बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में 50 से ज्यादा चीतलों को छोड़ा गया है. इससे मांसाहारी जानवरों की संख्या बढ़ने के साथ ही खुले जंगल में रहने से चीतलों की संख्या भी बढ़ेगी. Cheetals released in Kanger Valley National Park

Cheetals released in Kanger Valley National Park
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए चीतल

By

Published : Oct 27, 2022, 5:47 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर:कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में डियर पार्क से 52 चीतलों को जंगल में छोड़ा गया है. इन सभी चीतलों को विभाग ने कुछ साल पहले प्रजनन केंद्र में रखा था. जहां ये चीतल पले बढ़े. जिसके बाद अब सभी चीतलों को जंगल में छोड़ दिया गया है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों का मानना है कि अब बस्तर के जंगलों में एक बार फिर चीतलों की झुंड दिखाई देगी. खुले जंगल में रहने से इनकी संख्या भी कई गुना बढ़ेगी. साथ ही मांसाहारी जानवर भी इसी जंगल को स्थायी ठिकाना बनाएंगे. यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में चीतलों को जंगलों में छोड़ा गया है. कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान में इन चीतलों की सुरक्षा के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं.

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए चीतल: बस्तर के वाइल्ड लाइफ सीसीएफ एके श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया "कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में शाकाहारी पशु ,पक्षी और मगरमच्छ बड़ी तादाद में है. लेकिन विभाग की तरफ से मांसाहारी जानवरों का भी पता लगाया जा रहा है. कुछ साल पहले कांगेर घाटी के राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुआ और अन्य जंगली जानवरों की देखने की भी पुष्टि हुई थी, लेकिन बड़े क्षेत्र में फैले कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान में कुछ महीनों से मांसाहारी जंगली जानवरों को नहीं देखा गया है. डियर पार्क के अंदर ही चीतलों के लिए प्रजनन केंद्र बनाया गया है. जहां कुछ साल पहले बाहर से चीतलों को लाकर इस प्रजनन केंद्र में रखा गया था. अब इन सभी चीतलों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है."

खेती और परंपरा का संगम है छत्तीसगढ़ का नृत्य, आदिवासी डांस फेस्टिवल में दिखेगी झलक

खुले जंगल में चीतल देख सकेंगे पर्यटक: एके श्रीवास्तव ने बताया "चीतलों को बोमा तकनीक अपनाई गई, इसके तहत गुफा नुमा एक ढांचा खड़ा किया गया. दूसरे छोर से सटाकर गाड़ी रखी और रैंप बनाया और गुफा के मुख्य द्वार से गाड़ी तक खाने का सामान रखा गया. चीतल खाते-खाते रैंप से गाड़ियों में पहुंचे. फिर उन्हें जंगलों में छोड़ा गया. विभाग के सभी कर्मचारी चीतलों की संख्या में नजर बनाए रखे हुए हैं. इधर कांगेर वैली के खुले जंगल में अब पर्यटक भी आसानी से चीतल देख सकते हैं. इन चीतलों का मानवी शिकार ना हो इसके लिए भी खास सुरक्षा बरती जा रही है, साथ ही उद्यान में मांसाहारी जानवरों की वर्तमान स्थिति और संख्या के लिए भी प्रयास किया जा रहा है."

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details