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Chandameta Innocent villager released: चांदामेटा गांव में नक्सली बताकर जेल भेजे गए 16 ग्रामीण रिहा, अन्य लोगों में जगी उम्मीदें - न्यायिक रिमांड

Chandameta Innocent villager released: चांदामेटा गांव में नक्सली बताकर जेल भेजे गए 25 आदिवासियों में 16 को रिहा कर दिया गया है. जल्द ही अन्य ग्रामीणों को रिहा करने की बात कही जा रही है. बता दें कि इन ग्रामीणों को साल 2015 में गिरफ्तार किया गया था.

Chandameta Innocent villager released
नक्सली बताकर जेल गए 25 आदिवासियों में 16 हुए रिहा

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 29, 2023, 7:47 PM IST

Updated : Oct 29, 2023, 8:27 PM IST

चांदामेटा गांव के 16 निर्दोष ग्रामीण रिहा

बस्तर:छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के अंतिम छोर पर बसा गांव चांदामेटा के 25 ग्रामीणों को साल 2015 में नक्सली बताकर जेल भेज दिया गया था. इनमें 16 ग्रामीणों को 9 साल बाद रिहा कर दिया गया है. जबकि अन्य निर्दोष ग्रामिणों की रिहाई का प्रोसेस चल रहा है. पुलिस की मानें तो जल्द ही अन्य निर्दोष ग्रामीणों को भी रिहा कर दिया जाएगा.

नक्सलियों का अड्डा हुआ करता था चांदामेटा:बताया जा रहा है कि एक समय में नक्सलियों के बड़े नेता हमेशा चांदामेटा गांव में ही पाए जाते थे. नक्सलियों का इसी गांव में ट्रेनिंग कैम्प हुआ करता था. यही कारण है कि इस क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को भी पुलिस शक की निगाहों से देखती थी. इन इलाके में हुए नक्सली घटनाओं में गांव के संदिग्ध नक्सल सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार करके न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है. हालांकि कोर्ट की लंबी प्रक्रिया के कारण इन ग्रामीणों को देरी से रिहाई मिल रही है. कई निर्दोंष ग्रामीण जेल से अपने घर चांदामेटा लौट आए हैं.

25 लोगों को नक्सली बताकर की गई थी कार्रवाई:घर लौटे एक निर्दोष ग्रामीण से ईटीवी भारत ने बातचीत की. रिहा हुए ग्रामीण ने बताया कि, मैं पिछले 9 सालों से जेल में था. साल 2015 में मुझे नक्सली बता कर जेल में डाल दिया गया था. 9 सालों के बाद रिहा होकर वापस अपने गांव अपने घर चांदामेटा पहुंचा हूं. काफी खुश हूं. मेरे परिवार के लोग भी काफी खुश हैं. परिवार के लोग सालों से घर आने का इंतजार कर रहे थे. मेरे घर आने से वे काफी खुश हैं. जेल में रहने के दौरान परिवार और गांव की हमेशा याद आती रहती थी. मेरे साथ और दो लोग गांव लौटे हैं. करीब 25 लोगों को नक्सली बताकर जेल में डाल दिया गया था. उनमें एक की जेल में ही मौत हो गई."

ग्रामीणों की रिहाई की प्रकिया कोर्ट के निर्देश के अनुसार चल रही है. बस्तर पुलिस की ओर से यह लगातार कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द न्यायालीन प्रक्रिया में गवाहों को पेश किया जा सके. ताकि न्यायालय की प्रकिया पूरी हो जाए.-जितेंद्र सिंह मीणा, एसपी

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वहीं, एक ग्रामीण ने बताया कि जेल में अभी भी 8 से 9 ग्रामीण हैं.अन्य ग्रामीण अलग-अलग जेलों से रिहा हो गए हैं." ग्रामीणों की मांग है कि जेल में रह रहे ग्रामीणों को भी जल्द से जल्द रिहा किया जाए. इसके लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से बात की है.

Last Updated : Oct 29, 2023, 8:27 PM IST

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