जगदलपुर:शैक्षणिक सत्र के बीच निजी स्कूलों की मान्यता निरस्त (Recognition of private schools canceled) करने की कार्रवाई ने बस्तर में सभी निजी स्कूलों के संचालकों (Private School Operators) की नींद उड़ा दी है. दरअसल, शिक्षा विभाग (Education Department) ने जिले के 38 निजी स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी है. जिसके बाद से लगातार निजी स्कूलों के संचालक डीईओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. वहीं अब तक कई स्कूल संचालकों ने जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किये है. जिसके चलते इन स्कूलों में तालाबंदी की नौबत आ गई है. हालांकि स्कूलों के संचालन के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने की समय सीमा जिला शिक्षा अधिकारी ने जरूर दी है, लेकिन वहीं नये नियमावली ने निजी स्कूलों के संचालकों की होश उड़ा दी है.
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कई निजी स्कूलों की शिक्षा विभाग ने की मान्यता रद्द
बस्तर जिले में पिछले 40 सालों से संचालित हो रही कई निजी स्कूलों की शिक्षा विभाग ने मान्यता निरस्त कर दी है. मान्यता निरस्त होने से स्कूल संचालक रायपुर से लेकर जगदलपुर कलेक्ट्रेट और शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. हालांकि इन स्कूल संचालकों को अपने स्कूल से संबंधित जरूरी दस्तावेज कार्यालय में जमा करने के लिए समय सीमा दी गई है, लेकिन 38 स्कूलों में से कई स्कूल संचालकों ने अब तक दस्तावेज जमा नहीं किए हैं. जिसके चलते इन स्कूलों में कभी भी ताला लग सकता है.
इधर कोरोनाकाल की वजह से पिछले 2 साल से स्कूले बंद होने के बाद अब एक महीने पहले ही दोबारा खुले इन स्कूलों पर मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई की गई है, जिसके चलते अब स्कूलों में शिक्षा भी प्रभावित हो रही है. स्कूल संचालकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने अचानक मान्यता संबंधी दस्तावेजों में नए नियम को लागू कर उनके होश उड़ा दिए हैं. इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ साथ उनके पालकों का भी मनोबल टूटा है.
संचालकों ने तय समय में नहीं किया दस्तावेज जमा, हुई कार्रवाई
इस मामले में बस्तर कलेक्टर का कहना है कि राज्य शासन से आदेश मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है. पिछले कई सालों से जिले में संचालित हो रहे निजी स्कूलों के संचालकों ने अपने स्कूल के जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए थे और ना ही शासन के नियमों का पालन किया जा रहा था, जिसके चलते शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है.
उन्होंने कहा कि स्कूल के संचालकों को अपने जरूरी दस्तावेज जमा करने और सभी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय दिया गया है. बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना हो इसका भी खास ख्याल रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि तय समय पर स्कूल संचालक अपने स्कूल से संबंधित जरूरी दस्तावेज जमा नहीं कर पाते हैं तो उस दशा में उन्हें दोबारा मान्यता नहीं मिल पाएगी.
इधर 38 निजी स्कूलों में 2 हजार से भी अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं. वही इन स्कूलों को दोबारा मान्यता मिलने के फैसले पर भी संशय बरकरार है. फिलहाल इन 38 स्कूलों में 25 से भी अधिक स्कूलों के द्वारा जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं. जिसके चलते इन स्कूलों में तालाबंदी की तलवार लटक रही है.