जगदलपुर: बस्तर जिले में लंबे समय से सरकारी जमीनों पर बेजा कब्जा कर बैठे लोगों के घरों पर लगातार प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है. जगदलपुर शहर से लगे परपा, पंडरीपानी ,आमागुड़ा और आड़ावाल एरिया में लगातार प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीनों से घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जा रहा है. हालांकि इस दौरान प्रशासन की टीम को बेजाकब्जाधारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बताया जा रहा है कि जिला कलेक्टर से आदेश मिलने के बाद प्रशासन की टीम को सूचना मिलने पर लगातार सरकारी जमीनों से बेजा कब्जा धारियों को हटाने की कार्रवाई जारी है.
7 एकड़ जमीन कराई गई मुक्त
दरअसल कुछ दिनों से जिला प्रशासन सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा धारियों को लेकर सख्त कार्यवाही कर रहा है. ऐसे लोगों से संबंधित सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखने की व्यवस्था प्रशासन ने कर रखी है. गांव के रसूखदार और शहरी इलाकों के ऐसे रसूखदार जो सरकारी जमीन पर जबरदस्ती अतिक्रमण कर कब्जा जमाए हुए हैं. उनसे यह जमीन खाली करवाने के निर्देश राज्य सरकार ने भी दे रखे हैं. ऐसे में ऐसी जमीनों की तलाश की जा रही है. जहां पर अतिक्रमण किया गया है. राजस्व टीम मौके पर पहुंचकर ऐसी जमीन को खाली करवा रही है. केवल जगदलपुर तहसील के अंदर ही बीते 6 महीनों में 7 एकड़ से अधिक जमीन सरकारी बेजा कब्जा धारियों से मुक्त करवाई गई है.
तहसीलदार ने बताया है कि, सर्वे करवाकर यह पता भी किया जा रहा है कि अवैध कब्जा कहां कहां पर है. सरकारी जमीन पर यदि लोगों ने बेजा कब्जा कर निर्माण भी किया है तो उसे गिराया जा रहा है और सरकारी जमीन मुक्त करवाई जा रही है. हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई के बीच टीम को लोगों के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है. परपा इलाके में सरकारी जमीन से बेजा कब्जा धारियों के 7 मकान तोड़े जाने के बाद विवाद काफी बढ़ गया . वहीं आड़ावाल और पंडरीपानी में भी टीम को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. वहीं लोगों का कहना है कि बरसात के वक्त इस तरह प्रशासन के द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है उससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वे इन जगहों पर पक्के मकान बना चुके हैं लेकिन अब प्रशासन के द्वारा इन मकानों को तोड़े जाने से वे बेघर हो गए हैं.