बस्तर:छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर और कांकेर जिले की सीमा पर पुलिस नक्सली मुठभेड़ हुई थी. सर्चिंग के दौरान जवानों ने नक्सलियों का दैनिक सामान और विस्फोटक बरामद किया था. इन्हीं सामानों में नक्सलियों के अहम दस्तावेज भी जवानों के हाथ लगे. दस्तावेज में साल 2021 के नक्सलियों के बजट (Naxalite budget) की कॉपी भी हाथ लगी है. जिसमें नक्सलियों ने अपने साल भर का ब्यौरा नोट किया है. Bastar latest news
बस्तर पुलिस ने जब्त किया नक्सलियों का अहम दस्तावेज
नार्थ बस्तर टीम डिवीजन के खर्चे का हिसाब मिला: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि "घटनास्थल से जवानों द्वारा बरामद नक्सलियों के NBT (नार्थ बस्तर टीम डिवीजन) के साल 2021 के बजट ब्यौरा में लगभग 35 लाख रुपए का जिक्र है. जिसमें 29 लाख रुपये खर्च किए गए हैं और 5 लाख शेष राशि डिवीजन के पास जमा है. इस राशि को नक्सलियों ने अपने अलग अलग कार्यों के लिए खर्च किया है. बजट के कागज में इसे दर्शाया है. Bastar police
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सबसे ज्यादा नक्सलियों ने दवाई और इलाज में किये खर्च: सबसे ज्यादा साल 2021 में नक्सलियों ने दवाई और इलाज में 6 लाख रुपये खर्च किए हैं. हथियार और गोला बारूद में 2 लाख रुपये खर्च किए हैं. इसके अलावा फैटीम्यु, जिसमें नक्सलियों के वर्दी और अन्य एक्यूमेंट शामिल हैं, इसमें नक्सलियों ने साल भर 4 लाख रुपये खर्च किए हैं. यही नहीं स्मोकिंग में नक्सलियों ने 11 हजार रुपये खर्च किया है. सिविल कपड़ों की खरीददारी में 1 लाख 20 हजार रुपये खर्च किए हैं. इसके अलावा राशन और अपने खाने पीने के सामान में 3 लाख रुपये नक्सलियों ने खर्च किए हैं. अपने संगठन के प्रचार प्रसार में 3 लाख रुपये और अधिवेशन, मीटिंग में 52 हजार खर्च किये. इक्विपमेंट में 1 लाख 10 हजार और ई उपकरण में 1 लाख रुपये खर्च किये. डिवीजन में शामिल अपने लोगों की सहायता में 93 हजार व जेल कोर्ट में 40 हजार, अन्य जरूरी सामानों में लगभग 76 हजार रुपए नक्सलियों ने खर्च किए हैं.
नक्सलियों का अहम दस्तावेज करोड़ों का है नक्सलियों का बजट: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि "नक्सलियों का यह बजट एक ही डिवीजन का है, बस्तर संभाग में 8 डिवीजन हैं और 2 सब डिवीजनल हैं. ऐसे में इनका बजट करोड़ों का होता है. नक्सली इस राशि की वसूली लोगों को डरा धमकाकर करते हैं. पुलिस के द्वारा कोशिश की जा रही है कि बस्तर के किसी भी कांट्रेक्टर, आम आदमी, किसान और अन्य लोगों से नक्सली पैसा उगाही ना कर सकें. इसके लिए उनके संगठन को कमजोर करने में पुलिस जुटी हुई है और काफी हद तक पुलिस को सफलता भी हासिल हुई है.''
नक्सलियों में देखने को मिला कोरोना का असर: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि "जिस तरह से नक्सलियों ने साल भर में 6 लाख रुपये दवाई और इलाज में खर्च किए हैं. ऐसे में कोरोना का असर उनमें भी देखने को मिला है. साथ ही अन्य बीमारियों से भी नक्सली जूझ रहे हैं. फिलहाल पूरी तरह से नक्सलियों की उगाही बंद हो और आर्थिक रूप से उन्हें किसी तरह का सहयोग ना मिले, इसके लिए बस्तर पुलिस पूरी तरह से जुटी हुई है. बस्तर पुलिस लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में ऑपरेशन चला रही है.''