जगदलपुर: छत्तीसगगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू हो जाएगी. इसी बीच बस्तर संभाग से 4 हजार किसानों के पंजीयन निरस्त कर दिए गए हैं. इसी लेकर बस्तर में सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी ने किसानों के पंजीयन निरस्त किए जाने को लेकर नाराजगी जताई है. साथ ही बीजेपी ने सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. इसके अलावा बारदाने की कमी को लेकर राज्य सरकार पर किसानों के धान नहीं लेने का एक बहाना बताया है. साथ ही बीजेपी ने पीड़ित किसानों के साथ सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
बीजेपी ने दी किसानों के साथ आंदोलन की चेतावनी छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर संभाग के 7 जिलों के लगभग 4000 किसानों का पंजीयन निरस्त कर दिया है. किसानों के पंजीयन निरस्त करने के पीछे अधिकारियों ने एक किसान के दो पंजीयन होने का और कई किसानों के मृत्यु होने का हवाला दिया है. नए पोर्टल के तहत नियम बताते हुए किसानों का पंजीयन निरस्त किया गया है. वहीं सरकार के इस कार्रवाई से बस्तर में सियासत भी गरमा गई है. भाजपा के पदाधिकारियों ने किसानों के पंजीयन निरस्त करने को लेकर राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.
बस्तर में 4 हजार किसानों का पंजीयन निरस्त बालोद: धान खरीदी में किसानों की समस्याओं को हल करने सांसद मोहन मंडावी पहुंचे कलेक्ट्रेट
बारदाने की कमी बताना एक बहाना: BJP
भाजपा जिलाअध्यक्ष रूपसिंह मंडावी का कहना है कि राज्य सरकार जानबूझकर किसानों का धान नहीं लेना चाहती है. ऐसे में इस तरह के नियम बताकर 4 हजार किसानों का पंजीयन निरस्त किया है, जिससे किसान अपने धान को ओने पौने दामों में बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर होंगे. इसके अलावा बीजेपी जिला अध्यक्ष ने कहा कि धान खरीदी को अभी 1 महीना बाकी है. ऐसे में पहले से ही राज्य सरकार ने बारदाने की कमी बता दिया है, जिससे निश्चित तौर पर बस्तर के किसानों को भी काफी नुकसान होगा. बारदाने की कमी की वजह से बस्तर के कई किसानों के धान नहीं खरीदे जाएंगे, जिससे फिर से किसान अपने धान को बिचौलियों को ओने पौने दामों में बेचने को मजबूर होंगे. इससे किसानों पर कर्ज का भार भी पड़ेगा.
रायगढ़: धान खरीदी के लिए 7 हजार से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन, किसान बढ़े लेकिन रकबा हुआ कम
सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में बीजेपी
रूपसिंह मंडावी ने ने कहा कि पिछले साल ही लगभग 11 हजार किसान टोकन लेने के बावजूद भी अपने धान को बेचने से वंचित हो गए. सरकार ने जानबूझकर कई किसानों का धान रिजेक्ट करा दी, जिससे कि किसान कर्जे में डूब गए और इस साल भी सरकार ने 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदी करने का वादा तो किया है, लेकिन इस बार भी बस्तर के कई किसान धान बेचने से वंचित हो जाएंगे. सात ही उन्होंने कहा कि सरकार के नए नियम से किसानों में काफी रोष है. ऐसे में आने वाले दिनों में बस्तर के किसानों के साथ बस्तर भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेगी.