बीजापुर:सीआरपीएफ जवानों को लेकर कभी कभी स्थानीय निवासी सवाल उठाने लगते हैं. सोमवार को इन्हीं जवानों ने न सिर्फ महिला के घर में लगी आग को बुझाने में मदद की, बल्कि उस महिला और उसके 2 छोटे बच्चों की जान भी बचाई. ग्रामीणों के साथ ही आला अफसरों ने जवानों के साहस और सहयोग की सराहना की.
घर से धुआं निकलता देख मौके पर पहुंचे जवान:ग्रामीणों ने बताया कि "पामेड़ 151 केरिपु कैम्प के पास रहने वाली मुंगा के मकान में सोमवार की दोपहर को अचानक से धुआं निकलने लगा. इसे देख केरिपु बल ने जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और जान माल की हिफाजत में जुट गए. इस दौरान खुद मौके पर कैम्प कमाण्डर जवानों के साथ अग्निशमन उपकरणों के साथ मकान में लगे आग पर काबू पाने में जुटे. दो बच्चों और सामान को निकालने में मदद की. इसके अलावा पीड़ित परिवार को राशन सामग्री सहित ठंड से बचने के लिए कपड़ों की व्यवस्था की."
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संतरी ने आकर दी थी आग लगने की जानकारी:सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि "मुंगा बाई के मकान में लगभग 12 बजे आग लगने से मकान धू-धू कर जलने लगा. पास ही मोर्चा पर तैनात संतरी ने तत्काल कैम्प में अधिकारियों को बताया. कैम्प कमाण्डर ने उपलब्ध बल और अग्निशमन उपकरण के साथ मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में मदद की. मकान से बच्चों के साथ ही सामान को सुरक्षित निकाला."
दोबारा मकान बनाने के लिए मदद का दिलाया भरोसा:जवानों ने कैम्प में बच्चों को खाना खिलाया और पीड़ित परिवार को एक सप्ताह के लिये राशन सामग्री, ठण्ड से बचने के लिए कम्बल, गर्म कपड़े उपलब्ध कराए. दोबारा मकान बनाने के लिए पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा भी दिया. पुलिस जवान हों या केंद्रीय रिजर्व बल, जिनसे इलाके के लोग या ग्रामीण दूर भागते थे, आज जवानों पर भरोसा कर कदम से कदम मिलाकर चल रहे है.