बस्तर:संभाग के इकलौते नगर निगम जगदलपुर में महापौर सफिरा साहू के खिलाफ भाजपाइयों का अविश्वास प्रस्ताव वाला दांव धराशायी हो गया है. बस्तर कलेक्टर ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को पूरी तरह से ख़ारिज कर दिया है. दरअसल 5 बिंदुओं पर भाजपा पार्षद दल महापौर सफिरा साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. इसका सम्मिलन 29 अगस्त को जगदलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में होना था. इसके लिए भाजपा पार्षद दल मंगलवार को कार्यालय से पैदल रैली निकालकर कलेक्ट्रेट कार्यालय भी पहुंचे. लेकिन इस प्रक्रिया में कांग्रेस की महापौर, निगम अध्यक्ष व अन्य पार्षद आए ही नहीं. इसके कारण कलेक्टर ने प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया.
भाजपाइयों ने महापौर पर लगाया मैदान छोड़कर भागने का आरोप:निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय ने बताया कि, "कुछ समय पहले महापौर के खिलाफ भाजपा पार्षद दल की ओर से पांच बिंदुओं पर भ्रष्टाचार का अविश्वास प्रस्ताव दिया गया था. महापौर को भ्रष्टाचार का उत्तर सदन में उपस्थित रहकर देना चाहिए था. लेकिन महापौर सफिरा साहू ने अपनी निश्चित हार जानी और पूरे पार्षदों को लेकर जंग करने की बजाय कायरता से भाग जाना उचित समझा."
एक दिन पहले महापौर सफिरा साहू कह रहीं थी कि कांग्रेस के सभी पार्षद एक साथ हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी के प्रमोद दुबे ने बंद कमरे में एक-एक पार्षदों की नब्ज टटोली तब उन्हें पता चला कि महापौर के साथ कोई पार्षद नहीं है. इसके चलते कांग्रेस की लाज बचाने के लिए भ्रष्टाचारी महापौर सफिरा साहू का समर्थन करते हुए सभी पार्षद दल को मुख्यमंत्री के पास लेकर गए. जिस प्रकार से उत्तर देने के बजाय मैदान छोड़कर महापौर भाग गए हैं. यह स्पष्ट करता है कि उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. -संजय पांडेय, नेता प्रतिपक्ष