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बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना सिंह धाकड़ को सलाम, हौसले से पर्वत को हराया

bastar mountain girl naina singh Dhakad बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ को देश के सबसे बड़े साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. नैना सिंह धाकड़ को तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहसिक खेल पुरस्कार 2021 के तहत लैंड एडवेंचर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवॉर्ड से उन्हें नवाजा naina singh Dhakad got land adventure award

bastar mountain girl naina singh Dhakad
माउंटेन गर्ल नैना सिंह धाकड़ को सलाम

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Published : Nov 30, 2022, 7:23 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

नई दिल्ली/रायपुर: bastar mountain girl naina singh Dhakad राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2022 और राष्ट्रीय साहसिक खेल पुरस्कार 2021 प्रदान किया. इस सम्मान पाने वालों में बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना सिंह धाकड़ भी हैं. नैना सिंह धाकड़ को तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया है. President Draupadi Murmu awarded Naina Singh

माउंटेन गर्ल नैना सिंह धाकड़ को सलाम

नैना सिंह धाकड़ को इस उपलब्धि के लिए मिला सम्मान: तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार 2021 के तहत नैना सिंह धाकड़ को लैंड एडवेंचर के लिए सम्मान दिया गया है. 31 साल की नैना सिंह धाकड़ करीब 13 साल से पर्वतारोहण के क्षेत्र में नई नई ऊंचाइयां और रिकॉर्ड गढ़ रहीं हैं. नैना सिंह धाकड़ दस दिनों से भी कम समय में माउंट एवरेस्ट और माउंट लोहेत्से को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला है.साल 2021 के जून में 9 दिनों के अंदर नैना सिंह धाकड़ ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 848.86 मीटर पर चढ़ाई की थी. नैना सिंह धाकड़ की उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं हो रही है. वह दुनिया की सबसे चौथी ऊंची चोटी माउंट लहोत्से को भी फतह कर चुकी हैं. उन्होंने यहां 8516 मीटर पर चढ़ाई करके इतिहास रचा था. नैना सिंह धाकड़ मोटरबल और खरंदुला में 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर साइकिलिंग कर भी अपना लोहा मनवाया है.भूटान, नेपाल, उत्तराखंड, सिक्किम, लेह लद्दाख और 20 से भी अधिक ऊंची चोटियों पर नैना सिंह धाकड़ ने चढ़ाई कर अपने साहस का परिचय दिया है. Naina Singh Dhakad

बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना सिंह धाकड़

बस्तर के टाकरागुड़ा की रहने वाली हैं नैना सिंह धाकड़: नैना सिंह धाकड़ बस्तर के टाकरागुड़ा की रहने वाली हैं. टाकरागुड़ा बस्तर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर स्थित है. उन्होंने अपने संघर्ष से इस मुकाम को हासिल किया है. साल 1990 में जन्मीं नैना सिंह धाकड़ की शुरुआती शिक्षा दीक्षा जदगलपुर में हुई. कम उम्र में नैना सिंह धाकड़ ने अपने पिता बोधन सिंह ठाकुर को खो दिया. फिर मां विमला देवी ने तीन भाई बहनों के साथ नैना सिंह ठाकुर को पढ़ाया. बचपन से ही नैना को रोमांचक कार्य पसंद है. यही वजह है कि वह पर्वतारोहण के क्षेत्र में आईं और अपनी सफलता का परचम लहराया.

क्या है तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार: तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार चार वर्गों में दिया जाता है. इन पुरस्कारों में लैंड एडवेंचर ( जमीन पर साहसिक कार्य), SEA यानी वाटर में साहसिक कार्य, एयर एडवेंचर (हवा में साहसिक कार्य) के लिए किए जाते हैं. इसके अलावा लैंड, सी और एयर पर (जमीन, जल और हवा) साहसिक उपलब्धियों के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया जाता है. इन साहसिक पुरस्कारों का चयन करते वक्त खिलाड़ी के पिछले तीन सालों की उपलब्धियों और लाइफ टाइम साहसिक अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए पूरे करियर की उपलब्धियों पर विचार किया जाता है.

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अवॉर्ड में कितनी राशि दी जाती है: इस पुरस्कार में एक कांस्य प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र, एक रेशमी टाई / साड़ी के साथ एक रंगीन जाकेट और 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है. विजेताओं को यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कारों के साथ प्रदान किए जाते हैं.

तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहसिक कार्य पुरस्कार के बारे में जानिए: तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहसिक कार्य पुरस्कार भारत का सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान है. इस अवॉर्ड का नामकरण तेनजिंग नॉर्गे के नाम पर रखा गया था. जो 1953 में एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले दो शख्स में से एक व्यक्ति थे. यह पुरस्कार खेल एवं युवा मंत्रालय की तरफ से हर साल दिया जाता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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