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Goncha Festival 2023: बस्तर गोंचा महापर्व में शामिल होंगे सीएम भूपेश बघेल, श्री जगन्नाथ को चढ़ाए जाएंगे छप्पन भोग

Goncha Mahaparva 2023 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 25 जून को बस्तर प्रवास पर रहेंगे. सीएम बघेल पिछले 600 सालों से मनाई जा रही बस्तर गोंचा महापर्व में शामिल होंगे. बस्तर प्रवास के दौरान सीएम भूपेश वहां की जनता को विभिन्न विकास कार्यों की सौगात भी देंगे.

Bastar Goncha Mahaparva 2023
बस्तर गोंचा महापर्व 2023

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Published : Jun 25, 2023, 9:56 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बस्तर दौरे पर जगदलपुर पहुंच रहे हैं. सीएम भूपेश सिरहासार भवन में आयोजित बस्तर गोंचा महापर्व 2023 में शामिल होंगे. इस साल यह महापर्व 4 जून से 28 जून 2023 तक आयोजित किया गया है.

बस्तर गोंचा महापर्व में होंगे शामिल: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हेलीकॉप्टर से दोपहर 12:15 बजे रामाराम पहुचेंगे. रामाराम स्थित मंदिर में दर्शन करने के बाद रॉक गार्डन के साथ ही पर्यटन केंद्र का लोकार्पण और अवलोकन करेंगे. जिसके बाद सुकमा जिला मुख्यालय में राजीव गांधी के प्रतिमा का अनावरण करेंगे. सुकमा के मिनी स्टेडियम में आयोजित विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे. यहां मुख्यमंत्री आमसभा को भी संबोधित करेंगे. आम सभा के बाद मुख्यमंत्री वापस जगदलपुर पहुंचेंगे. शाम 7 बजे से बस्तर गोंचा महापर्व कार्यक्रम में शामिल होंगे.

616 साल पुरानी रियासत कालीन परंपरा: 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा रियासत कालीन परंपरा को निभाते हुए पिछले 616 सालों से बस्तर में गोंचा महापर्व आयोजित किया जा रहा है. इस साल 4 जून से 28 जून तक बस्तर गोंचा महापर्व 2023 का आयोजन किया जा रहा है. रविवार को मुख्यमंत्री इस महापर्व में भगवान जगन्नाथ के छप्पन भोग के अवसर पर शामिल होंगे.

भगवान श्री जगन्नाथ को अर्पित करेंगे "अमनिया": शताब्दियों से रियासत कालीन परम्परा के अनुसार भगवान श्री जगन्नाथ को "अमनिया" अर्थात् सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण किया जा रहा है. इसके लिए 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के 14 क्षेत्रीय समितियों में विभक्त 108 से अधिक ग्रामों में निवास कर ने वाले समाज के परिवारों द्वारा 21 जून से 27 जून तक प्रतिदिन भोग लगाया जा रहा है. भोग लगाने का बाद यह प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को बांटा जाता है. नवीन रथ निर्माण टेम्पल कमेटी जगदलपुर के माध्यम से यह आयोजन किया जा रहा है. इस साल विद्युत साज-सज्जा के साथ भव्य स्वरूप में रथ संचालन करने की व्यवस्था की गई है.

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देव स्नान के साथ शुरु हुआ बस्तर गोंचा महापर्व: 4 जून को देवस्नान पूर्णिमा (चंदन जात्रा) पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व 2023 शुरू हुआ. 19 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान किया गया. जिसके बाद पारम्परिक बस्तर के तोप (तुपकी) के गर्जना के साथ श्रीगोंचा रथयात्रा पूजा विधान किया गया. भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा और स्वामी बलभद्र के 22 विग्रहों को तीन रथों पर विराजित कर परिक्रमा के बाद जनकपुरी (गुणिचा मण्डप) में विराजित किया गया. जहां समाज द्वारा विविध धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं. 21 जून से 27 जून तक हर रोज 56 भोग लगाया जा रहा है.

महाआरती के बाद हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम: बस्तर गोंचा महापर्व के दौरान हर दिन शाम 7.30 बजे भगवान की महाआरती होती है. जिसके बाद भजन-कीर्तन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति की जा रही है. गोंचा महापर्व को मेला का स्वरूप प्रदान करने के लिए इस साल भी 8 दुकानें स्थापित की गई हैं. जहां पूजा सामग्री, सामाजिक, धार्मिक वस्तुओं के साथ-साथ भगवान श्री जगन्नाथ को प्रिय भोग प्रसाद भी श्रद्धालुओं के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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