बीजेपी ने नहीं किया था कर्जमाफी का वादा, अब बस्तर के किसानों के लिए सिरदर्द बना कर्ज
Bastar farmers repaying loan Tension छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने हाल ही में किसानों की बकाया बोनस राशि का 25 दिसंबर को भुगतान करने का ऐलान किया था. लेकिन जो किसान कर्जमाफी को लेकर आस लगाए थे. उन्हें काफी निराशा हाथ लगी है. farmers repaying loan Tension in Chhattisgarh
जगदलपुर: बस्तर के किसानों का कर्ज उनके लिए सिरदर्द बन गया है. प्रदेश में भूपेश बघेल ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था. हालांकि सरकार बीजेपी की बनी. किसानों में अब कर्ज को लेकर चिंता बढ़ गई है. बीजेपी सरकार ने बकाया राशि यानि की बोनस का भुगतान करने की बात तो कही है, लेकिन कर्ज माफी का वादा बीजेपी के घोषणा पत्र में नहीं था. अब किसान परेशान हैं, क्योंकि कर्ज चुकाने की अंतिम तिथि 15 मार्च को है.
कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने पर की थी कर्ज माफी: दरअसल, साल 2018 में जिस तरह से कांग्रेस ने कर्ज माफी करने का ऐलान किया था और सरकार बनने के बाद किसानों का कर्जा माफ किया था. ठीक उसी तरह से छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से किसानों को उम्मीद थी कि कांग्रेस सत्ता में बनी रहेगी. यही वजह थी कि किसानों ने इस साल पिछले चुनाव के अनुरूप ज्यादा कर्ज लिया था. कांग्रेस की सरकार तो नहीं आई लेकिन अब इन किसानों को मार्च तक कर्ज की राशि का पूरा भुगतान करना पड़ेगा.
15 मार्च तक कर्ज चुकाने का अंतिम दिन: इस बारे में जिला सहकारी बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर ने बताया कि, "बस्तर संभाग में लगभग 1 लाख 55 हजार किसानों ने कर्ज लिया है. किसानों के कर्ज की रकम 7 अरब 76 करोड़ रुपए है. हालांकि यह सभी ऋण ब्याज मुक्त है और 15 मार्च तक यह कर्ज पटाने की अवधि किसानों को दे दी गई है. यदि किसान समय पर अपना पूरा कर्ज का पैसा दे देते हैं तो आने वाले समय में इन किसानों को बिना ब्याज पर कर्ज दी जाएगी. इससे किसान अपने खेतों में फसल लगा सकेंगे. पिछले वर्ष 2022 में लगभग 11 हजार किसान ऐसे हैं, जो करीबन 90 करोड़ की राशि का कर्ज नहीं पटाया है. इन किसानों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया जिला सहकारी बैंक के द्वारा की जा रही है."
बीजेपी ने नहीं किया था कर्जमाफी का वादा:बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद ही सीएम साय ने 25 दिसंबर को किसानों की बकाया राशि देने का ऐलान कर दिया है. हालांकि बीजेपी ने कर्जमाफी को लेकर चुनाव से पहले कोई वादा नहीं किया था, जिस कारण किसानों की दिक्कत बढ़ गई है. अब ये किसान कर्जमाफी को लेकर परेशान हैं. अगर इन किसानों ने 15 मार्च तक कर्ज का पैसा नहीं चुकाया तो आने वाले समय में इनकी दिक्कतें और भी बढ़ सकती है.