बस्तर: कोरोना संक्रमण का असर हर तीज त्यौहारों के साथ अब विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के हर रस्म में देखने को मिल रहा है. दशहरे के रस्मों में शामिल होने हर साल 600 से 700 ग्रामीण देवी-देवताओं को लेकर गांव के पुजारी और सहयोगी पहुंचते थे, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से मात्र 100 से 150 देवी-देवता ही बस्तर दशहरा में पहुंच सकेंगे. जिला प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप और बस्तर दशहरा पर्व के दौरान भारी भीड़ ना हो और संक्रमण से बचाव के लिए यह निर्णय लिया है.
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कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने बस्तर जिले में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर रखा है और जिले के सभी व्यापारिक संस्थानों को भी शाम 5 बजे तक ही खुले रखने की अनुमति दी गई है, ताकि शहर में ज्यादा भीड़-भाड़ ना हो और अब ऐसे में 16 अक्टूबर से बस्तर दशहरे की मुख्य रस्म शुरू हो जाएगी, जिसमें हजारों की संख्या में दशहरा पर्व देखने वाले लोग तो पहुंचते हैं. साथ ही बस्तर संभाग के सातों जिलों से लगभग 600 से 700 देवी-देवता और हर देवी देवता के साथ लगभग 40 से 50 ग्रामीण पुजारी सहित पहुंचते हैं, जो डोली विदाई रस्म तक शहर में ही रहते हैं.