Abu Dhabi IMMAF Championship: बस्तर की बेटियों का विदेश में बजा डंका, आईएमएमएएफ चैंपियनशिप में झटके दो मेडल
Abu Dhabi IMMAF Championship बस्तर की बेटियों ने अपनी हिम्मत का लोहा मनवाकर भारत का झंडा विदेश में बुलंद किया है. आईएमएमएएफ चैंपिनयशिप में बस्तर की बेटियों ने दो मेडल हासिल किए हैं. गौर करने वाली बात ये है कि इस प्रतियोगिता में तीन मेडल भारत को हासिल हुए, जिसमें दो बस्तर की बेटियों के नाम है.
बस्तर की बेटियों का विदेश में बजा डंका
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Published : Aug 11, 2023, 5:42 PM IST
बस्तर की बेटियों का विदेश में बजा डंका
बस्तर :नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर की तस्वीर अब बदलने लगी है. आज बस्तर से निकलकर युवा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. शिक्षा, खेलकूद या फोर्स हर जगह आज बस्तर के युवाओं का बोलबाला है. इसी कड़ी में बस्तर की दो बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बस्तर समेत छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. यूथ वर्ल्ड आईएमएमएएफ (इंटरनेशनल मिक्सड मार्शल आर्ट्स फेडरेशन) चैंपियनशिप में बस्तर की बेटियों ने सिल्वर और ब्रांच मेडल पर कब्जा जमाया है. इस शानदार प्रदर्शन के बाद जगदलपुर लौटी बेटियों को क्षेत्रवासियों ने अपनी पलकों पर बिठाया और भव्य स्वागत किया.
कहां हुई थी प्रतियोगिता :आईएमएमएएफ चैंपियनशिप 2 से 5 अगस्त को आबूधाबी में हुई. इसमें श्रेया सूना और तुनप्रिया दत्ता ने भी हिस्सा लिया. भारत से 16 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शामिल हुए, जिसमें भारत को तीन मेडल मिले हैं. खुशी की बात ये है कि तीन में से दो मेडल बस्तर की बेटियों ने जीता है. जबकि एक मेडल तमिलनाडु की खिलाड़ी को मिला है. बस्तर की बेटियों ने अपनी कामयाबी के लिए कोच और माता पिता को धन्यवाद दिया है.
आईएमएमएएफ चैंपियनशिप में झटके दो मेडल
आबू धाबी में आयोजित यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में शामिल होकर मैंने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है. मैं अपने कोच और परिवार को धन्यवाद देती हूं जिनके कारण मुझे इतना बड़ा प्लेटफार्म मिला. इसके बाद आगे भोपाल नेशनल प्रतियोगिता में जाएंगे. कोशिश करेंगे हमें गोल्ड मेडल मिले. मेहनत करके सिल्वर मेडल पाया है. आने वाले दिनों में और मेहनत करेंगे ताकि गोल्ड मेडल ला सकें. -श्रेया सूना, सिल्वर मेडलिस्ट
वहीं ब्रॉन्ज मेडल विजेता तनुप्रिया दत्ता ने भी अपनी जीत का श्रेय ट्रेनिंग कोच और साथी खिलाड़ियों को दिया है.
अभी ब्रॉन्ज आया है लेकिन आगे कोशिश करेंगे कि गोल्ड आए. प्रतियोगिता से पहले भिलाई में 2 महीने तक ट्रेनिंग हासिल की. मैं अपने कोच और मैम को धन्यवाद देना चाहूंगी, जिनके कारण हम मेडल ला पाए हैं. -तनुप्रिया दत्ता, ब्रॉन्ज मेडलिस्ट
विजेता खिलाड़ियों की माताओं ने क्या कहा?: श्रेया सूना की मां ज्योत्सना सूना ने कहा कि "जीवन में उन्होंने सारे काम कर किए लेकिन कभी इतनी बधाई उन्हें नहीं मिली थी, जितनी बधाई उनकी बेटी के मेडल लाने से मिली है. बेटी की रुचि इसमें सबसे अधिक है और इसी क्षेत्र में बेटी को आगे बढ़ाएंगे." वहीं तनुप्रिया की मां शैली दत्ता ने कहा कि "यह काम हमने अपने जीवन में नहीं किया. लेकिन हमारे बच्चे यह काम कर रहे हैं. देश के लिए मेडल लाने का काम कर रहे हैं. विदेश में जाकर खेल रहे हैं और आने वाले दिनों में देश का प्रतिनिधित्व करके उम्मीद है कि गोल्ड मेडल भी लेकर आए."
विदेशी खेल में देसी खिलाड़ियों का दबदबा :आपको बता दें कि आज से लगभग दो दशक पहले मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स या एमएमए को भारत में विदेशी खेल समझा जाता था. लेकिन अब एमएमए ने भारत में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है. देश में एमएमए इवेंट्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. भारतीय फाइटर्स अब अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. एआईएमएमए के अंतर्गत आज 200 से अधिक जिम और सैकड़ों एमएमए ट्रेनर्स देश में मौजूद हैं. बस्तर के बच्चे भी इस खेल में अपना लोहा मनवा रहे हैं.