जगदलपुर: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में बीते 5 दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. जिन नक्सलियों को पुलिस और प्रशासन बैकफुट पर कह रहा था, वे नक्सली बीते 2 महीने में ज्यादा आक्रामक हो गए हैं. नक्सली संभाग के अलग-अलग जिलों में 20 से ज्यादा ग्रामीण, पुलिस और कर्मचारी की हत्या कर चुके हैं, जिसे लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बस्तर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरविंद नेताम ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
नक्सल समस्या को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान अरविंद नेताम का कहना है कि बीते कुछ महीनों से नक्सली ज्यादा आक्रामक हो गए हैं. वे लगातार निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं. लेकिन राज्य और केंद्र में बैठी सरकारें इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. सरकारों ने बस्तर को पुलिस के भरोसे छोड़ दिया है.
ग्रामीणों की हत्या को लेकर नक्सलियों में आपसी रंजिश, अपने कमांडर विज्जा मोडियम को उतारा मौत के घाट
लॉ एंड ऑर्डर का सवाल ही नहीं है: अरविंद नेताम
अरविंद नेताम ने कहा कि गोली के बदले गोली समस्या का समाधान नहीं है. केंद्र और राज्य की सरकार ने बस्तर को पुलिस के हवाले कर दिया है. जबकि ये लॉ एंड ऑर्डर का सवाल ही नहीं है. इसमें कई अन्य समस्याएं भी हैं. उन्होंने कहा कि बस्तर की ये विडंबना है कि छत्तीसगढ़ में कोई गृहमंत्री नक्सल समस्या को लेकर गंभीर नहीं रहा है. न ही इस समस्या को लेकर चर्चा करने कभी बस्तर पहुंचा है. यही वजह है कि बस्तर के आदिवासी और जनता पुलिस और नक्सलियों के बीच पिसती जा रही है. इस समस्या को लेकर कोई सार्थक कदम नहीं उठाए जाते हैं.