बस्तर: कोरोना महामारी की वजह से देश में किए गए लॉकडाउन के दौरान बस्तर जिले में बाहर से आने वाले लोगों के लिए जिला प्रशासन ने 7 विकासखंडों और बस्तर नगर पंचायत में 451 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं. जिले में सभी जनपद के चिन्हांकित किए गए आश्रम, स्कूल और छात्रावासों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया है.
बस्तर के क्वॉरेंटाइन सेंटर का हाल जगदलपुर नगर निगम के अंर्तगत 3 क्वॉरेटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इसके साथ ही 7 ब्लॉकों में भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. दरभा ब्लॉक में 49, बास्तानार ब्लॉक में 37, लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक में 40, जगदलपुर में 72, तोकापाल ब्लॉक में 34, बकावंड ब्लॉक में 130, बस्तर ब्लॉक में 88 और बस्तर नगर पंचातय में एक क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है.
बस्तर का क्वॉरेंटाइन सेंटर जिले में रेड जोन से आए 2500 से ज्यादा लोग
ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से आए हुए कुल लोगों की संख्या 5 हजार 53 है. वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रहने वाले लोगों की संख्या 3 हजार 94 है. वहीं दूसरे राज्यों से आए 3 हजार 251 मजदूरों को जिले के अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. कुल मिलाकर जिले में 11 हजार से ज्यादा लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया था, जिनमें से कई लोगों के क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है. वहीं क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों में 2500 से ज्यादा रेड जोन से आए हैं, जिन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है.
स्वास्थ्य विभाग का दावा
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि पूरे जिले में कोरोना महामारी से निपटने के लिए 1 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जो क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों की जानकारी ले रहे हैं. वहीं लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए नियमित योगाभ्यास भी करवाया जा रहा है.
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जगदलपुर विधायक रेखंचद का कहना है कि दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए लगभग 6 हजार से ज्यादा लोगों में से 5 हजार मजदूर सकुशल वापस बस्तर लौट चुके हैं, जिन्हें उन्हीं के ग्रामीण क्षेत्रों में बने सेंटरों में क्वॉरेंटाइन किया गया है. विधायक ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों में भोजन और अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था करवाई गई है, जिससे उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत न हो. हालांकि सुरक्षागत कारणों से ETV भारत की टीम को क्वॉरेंटाइन सेंटरों में जाने की इजाजत नहीं दी गई, लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे मजदूरों ने बताया कि बस्तर कलेक्टर और विधायक से शिकायत करने के बाद सेंटर में काफी हद तक व्यवस्था सुधरी है. इससे उन्हें थोड़ी राहत मिली है.