जगदलपुर:कोरोना संक्रमण का दौर जब बीत जाएगा, जिंदगी जब पटरी पर लौटने लगेगी. उस वक्त हम याद करेंगे उन योद्धाओं को जिन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश की है. हम सलाम कर रहे हैं और हम सलाम करेंगे उन वॉरियर्स को जो कभी डॉक्टर और नर्स बनकर, कभी सफाईकर्मी और पुलिसकर्मी बनकर हमारे सामने थे. ऐसी ही हैं अंजू. 9 महीने का गर्भ लेकर वे कोविड वार्ड में नौकरी कर रही थी, जिससे दूसरों की जान बचा सकें. हालांकि प्रसव की तारीख पास आने पर अस्पताल ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया.
9 महीने के गर्भ के साथ ड्यूटी
9 महीने की गर्भवती नर्स दिन-रात कर रही ड्यूटी अंजू मार्को जगदलपुर के महारानी अस्पताल के गायनिक वार्ड में स्टाफ नर्स के तौर पर पदस्थ हैं. अंजू 9 महीने की गर्भवती हैं लेकिन फिर भी कोरोना के इस मुश्किल समय में पहले ही की तरह हर रोज ड्यूटी करती रहीं. अस्पताल में इंफेक्शन का खतरा और 6 महीने की मेटरनिटी लीव का अधिकार होने की जानकारी होने के बावजूद अंजू बिना छुट्टी के अपनी सेवाएं देने अस्पताल पहुंचती रहीं. कोरोना महामारी के इस संकटकाल में परिस्थितियों को समझते हुए अंजू लोगों की सेवा में लगी रहीं.
9 महीने की गर्भवती नर्स दिन-रात कर रही ड्यूटी वर्किंग प्लेस में भी मिला परिवार
9 महीने की गर्भवती नर्स दिन-रात कर रही ड्यूटी 9 महीने की गर्भवती नर्स दिन-रात कर रही ड्यूटी तीन वर्ष पहले अंजू मार्को ने शहर के महारानी जिला अस्पताल को ज्वॉइन किया था. उस समय से साथियों से मिले अपनेपन के कारण अंजू को वर्किंग प्लेस में भी पारिवारिक माहौल मिलने लगा. यही वजह थी कि उन्होंने नौकरी को कभी पेशे के रूप में नहीं देखा और अस्पताल में आने वाले मरीजों की सेवा में ही सुकून महसूस करने लगी. देखते ही देखते जीवन के 3 साल गुजर गए और मार्को परिवार की दूसरी पीढ़ी अंजू के गर्भ में आई. अगले 9 जून को अंजू की ड्यू डेट है, लेकिन अंजू का कहना था कि ड्यू डेट से एक दिन पहले तक वह अपनी ड्यूटी करती रहेंगी. कोरोना के इस संकटकाल में जनसेवा को ही अंजू अपने लिए आशीर्वाद मान रही हैं.
पति को मानती हैं रियल लाइफ हीरो
अंजू कहती है कि CAF की 5वीं बटालियन में तैनात उनके पति राजेश उनके रियल लाइफ हीरो हैं. विपरीत परिस्थितियों में जब वे अपने पति को बिना झुंझलाए जूझते देखती हैं तो उनमें साहस जगता है और हालात से लड़ने की शक्ति मिलती है. गर्भ धारण के बाद पति ने ही उन्हें सक्रिय रहने और ड्यूटी पर जाने की सलाह दी थी. अपने पति का धन्यवाद करते हुए अंजू ने प्रण किया कि वे यथाशक्ति वह अपने दायित्वों का निर्वहन करती रहेंगी. इन दायित्वों को निभाते हुए अंजू पहली बार मां बनने के कोमल अहसास को भी मन भर जी रही हैं. अंजू का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से देश इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है ऐसे में परिवार के सपोर्ट और कोरोना वॉरियर्स के जज्बे से उन्हें सेवा करने की लगातार प्रेरणा मिल रही है. हालांकि ड्यू डेट नजदीक आने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने अंजू मार्को का सम्मान करते हुए उन्हें मेटरनिटी लीव पर भेज दिया है.