जगदलपुर: कोरोना संक्रमण को मात देकर जिंदगी की जंग जीतने वाले कई लोगों में अब ब्लैक फंगस की शिकायत सामने आ रही है. इस बीमारी से भी लोगों की मौत हो रही है. छत्तीसगढ़ में भी ब्लैक फंगस के मरीजों की पहचान हो रही है. ऐसे में अब इससे निपटने के लिए तैयारियों का दौर शुरू हो गया है. डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जगदलपुर मेकॉज) में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए 30 बेड का वार्ड तैयार किया गया है. यहां मरीजों के इलाज के लिए ENT और नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम भी तैनात कर दी गई है.
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अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अब तक जिले में ब्लैक फंगस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. बस्तर कलेक्टर ने बताया कि ब्लैक फंगस को लेकर राज्य शासन से मिले आदेशों के हिसाब से अस्पताल में 30 बेड तैयार कर लिया गया है. वहीं मरीजों के बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञों की टीम को जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है. उन्होंने बताया कि जिले में अबतक ब्लैक फंगस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. लेकिन प्रशासन अपनी ओर से स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त कर रहा है.
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मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वार्ड तैयार
बस्तर कलेक्टर ने बताया कि डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 बेड का एक वार्ड तैयार किया गया है. जहां ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाएगा. इसके लिए ENT और नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अलावा अन्य उपकरण भी लगाने की तैयारी वार्ड में चल रही है. ब्लैक फंगस के मामले में प्रशासन किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है. कलेक्टर ने बताया कि राहत भरी खबर यह है कि, अब तक जिले में ब्लैक फंगस से पीड़ित एक भी मरीज के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है.
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अस्पताल नहीं पहुंची ब्लैक फंगस की दवा
डिमरापाल अस्पताल अधीक्षक केएल आजाद ने बताया कि जिला प्रशासन से आदेश मिलने के बाद वार्ड को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है. बकायदा स्टाफ नर्स और डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगा दी गई है. अधीक्षक ने बताया कि अबतक अस्पताल में ब्लैक फंगस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से अब तक दवा नहीं पहुंच पाई है. ब्लैक फंगस से निपटने के लिए फिलहाल प्रबंधन के पास दवा उपलब्ध नहीं है. इसके लिए शासन-प्रशासन से भी मांग की गई है. संभव है कि जल्द ही यह दवा उनके पास पहुंचेगी.