गौरेला पेंड्रा मरवाही:बच्चों को खेल के प्रति जागरूक करने को सरकार की ओर से कई तरह के अभियान चलाए जाते हैं. हालांकि इन अभियानों की सच्चाई कुछ और ही होती है. सरकार की ओर से जारी की कई योजना और घोषणाएं महज कागज तक सीमित रहती है. ताजा मामला पेंड्रा से सामने आया है. यहां नेशनल जिम्नास्टिक प्लेयर पेंड्रा से दिल्ली तो ठीक-ठाक चले गए. हालांकि आते वक्त उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ये बच्चे ट्रेन में सीट न मिलने के कारण बाथरूम के पास बैठकर आए. इनमें कई छोटे बच्चे भी थे, जिनको ठंड में काफी दिक्कतें हुई. कई बच्चों ने तो ढ़ंग से खाना भी नहीं खाया.
ये है पूरा मामला: दरअसल 18 दिसंबर से 23 दिसंबर तक दिल्ली में 67वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें पेंड्रा जिले से जिम्नास्टिक के कई बच्चे भाग लेने दिल्ली गए हुए थे. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की 13 जिमनास्टिक बच्ची और 7 बच्चे खिलाड़ी सहित छत्तीसगढ़ से 51 खिलाड़ी अलग-अलग जिलों से थे. ये सभी यहां प्रतियोगिता में भाग लेने गए थे. 51 खिलाड़ियों का यह दल 22 दिसंबर को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली से वापस छत्तीसगढ़ आ रहे थे. राष्ट्रीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी 51 खिलाड़ियों की समस्या यह थी कि उनके दल प्रबंधक ने स्लीपर कोच में जो रिजर्वेशन करवाया गया था. पर टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया.