मध्यप्रदेश का धान छत्तीसगढ़ में खपाने की तैयारी, प्रशासन की ढील से तस्कर बिचौलिए सक्रिय - Smugglers active due to laxity of administration
Preparation To Utilize Madhya Pradesh Paddy छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केंद्रों में बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं.मध्यप्रदेश से लगे जिल गौरेला पेंड्रा मरवाही में एमपी का धान खपाया जा रहा है.लेकिन प्रशासन इस ओर किसी भी तरह का सख्त रवैया नहीं अपना रहा है.Gaurela pendra marwahi
गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ में नई सरकार आने के बाद धान खरीदी केंद्रों में एक बार फिर रौनक बढ़ चुकी है.इसी के साथ पड़ोसी राज्यों से भी बिचौलिये धान लाकर छत्तीसगढ़ में खपाने की कोशिशों में जुटे हैं. इसी कड़ी में पिछले दिनों गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में मध्यप्रदेश के धान को खपाने की कोशिश की गई.जिसे वक्त रहते मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दबोच लिया.लेकिन फिर भी कई बिचौलियों का धान छत्तीसगढ़ में आ चुका है.जिसके कारण अब वे सरकार को लाखों रूपए का चूना लगाने के लिए तैयार हैं.
एमपी से हो रही धान की तस्करी : 1 नवंबर से प्रदेश में 2023 -24 का समर्थन मूल्य में धान की खरीदी शुरू हो गई है.धान खरीदी के साथ ही मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित सीमावर्ती जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के धान तस्कर भी सक्रिय हो गए हैं. ये तस्कर शराब और गांजा तस्करी की तर्ज पर रात के अंधेरे में मध्यप्रदेश से अवैध धान को लाकर छत्तीसगढ़ में बिचौलिए के साथ मिलकर किसानों के पट्टों का इस्तेमाल करके धान खरीदी केंद्रों में खपा रहे हैं.
कहां से आते हैं धान तस्कर ? :ये धान तस्कर और बिचौलिए मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिले अनूपपुर से पगडंडियों और कच्चे सड़क से छत्तीसगढ़ के गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में दाखिल हो रहे हैं. पिकअप और माजदा वाहनों के साथ ट्रैक्टर के जरिए ये धान तस्कर रात में मध्यप्रदेश से अवैध धान की खेप को छत्तीसगढ़ में लाकर किसानों के खलिहान और गोदामों में छिपा देते हैं. फिर सुबह धान किसानों के पट्टों की सहायता से धान खरीदी केंद्रों में खपा दिया जाता है.
प्रशासन ने नहीं की है तैयारी :हर सालप्रशासन धान की अवैध आवक मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ में रोकने के लिए अस्थाई बैरियर बनाता है.जिसमें कई कर्मचारियों को तैनात किया जाता है.लेकिन इस बार ऐसी कोई तैयारी नहीं की गई है. इस साल 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी तो प्रशासन ने शुरू कर दी है. लेकिन सीमा पर किसी प्रकार की कोई भी जांच टीम तैनात नहीं है. सीमा में कोई भी अस्थाई बेरियर नहीं बनाए गए हैं. जिसका फायदा उठाकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के धान तस्कर सक्रिय हैं. वहीं सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की माने तो धान तस्कर रात दिन धान को लाकर छत्तीसगढ़ के किसानों के घरों पर स्टोर कर रहे हैं.