Amareshwar Mahalingam In Pendra: पेंड्रा के अमरेश्वर महालिंगम की महिमा, यहां महादेव के दर्शन से हर मनोकामना होती है पूरी
Amareshwar Mahalingam In Pendra: पेंड्रा में स्थित अमरेश्वर महालिंगम की पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है. ये मंदिर एमपी और छत्तीसगढ़ सीमा पर विराजमान है. कहते हैं कि यहां मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है Sawan 2023
अमरेश्वर महालिंगम के दर्शन करिए
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Published : Jul 12, 2023, 7:43 PM IST
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Updated : Jul 12, 2023, 8:20 PM IST
अमरेश्वर महालिंगम
गौरेला पेंड्रा मरवाही:सावन माह भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. इस माह में भगवान शिव का विधि विधान से पूजन किया जाता है. सावन में सोमवार का खास महत्व है. इस दिन भोलेनाथ की खास पूजा-अर्चना की जाती है. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे ज्वालेश्वर माहदेव मंदिर के पास अमरेश्वर महादेव मंदिर हैं. इस मंदिर में भगवान शिव का 11 फीट ऊंचा और 51 टन वजनी शिवलिंग है. इसे महालिंगम के नाम से जाना जाता हैं.
इस मंदिर से लोगों की जुड़ी खास आस्था: इस मंदिर से लोगों की खास आस्था जुड़ी हुई है. यही कारण है कि 2 से 3 हजार भक्त यहां सावन माह में महिलिंगम की पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. हालांकि आम दिनों में यहा हजारों भक्तों की भीड़ रहती है. भक्तों की भीड़ से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के प्रति लोगों में कितनी आस्था है.
अमरेश्वर महालिंगम नाम से होती है पूजा:छत्तीसगढ़ और एमपी की सीमा पर स्थित पेण्ड्रा का अमरेश्वर महादेव मंदिर, अमरकंटक मुख्य मंदिर से करीब 15 किलोमीटर दूर है. यहां स्थापित शिवलिंग के प्रति लोगों की अपार आस्था है. बताया जा रहा है कि यहां स्थापित शिवलिंग को ओंकारेश्वर से और जलहरि को मध्यप्रदेश के कटनी से लाया गया था. महादेव को अमरेश्वर महालिंगम के नाम से भी पूजा जाता है.
जल चढ़ाने से होती है मनोकामना पूरी:यहां विराजे महादेव को अमरेश्वर महालिंगम के नाम से भी पूजा जाता है. श्रद्धालुओं को जल चढ़ाने में असुविधा न हो, इसलिए गर्भ गृह में इसके लिए सीढ़ियों का भी निर्माण करवाया गया है. कहते हैं कि यहां मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है. यहां नर्मदा का जल चढ़ाने से हर एक मुराद पूरी होती है.
महादेव के दर्शन के बगैर अमरकंटक यात्रा अधूरी:अमरेश्वर महादेव को लेकर कहा जाता है कि, जैसे काशी में विश्वनाथ के दर्शन के बिना, वृंदावन में बांके बिहारी के दर्शन के बिना, अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन के बिना यात्रा अपूर्ण मानी जाती है. ठीक वैसे ही अमरेश्वर महादेव के दर्शन के बिना अमरकंटक यात्रा भी अधूरी मानी गई है. अमरेश्वर महादेव मंदिर के द्वार पर ही विशालकाय नन्दी भी विराजमान हैं, नंदी के कान में भक्त अपना संदेश बोल बाबा से अर्जी मांगते हैं.