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जानिये, कैसे खुद के बूते आत्मनिर्भर हो रही गरियाबंद की "महिला फौज"

गरियाबंद जिले की ग्रामीण महिलाएं (Rural women of Gariaband district) अब आत्मनिर्भर (Self dependent) बनने की ओर अग्रसर हैं. दरअसल, स्वरोजगार, सुरक्षा और स्वच्छता (Self-Employment, Safety and Sanitation) के माध्यम से ये महिला फौज (Women army) आगे बढ़ रही हैं. इसके साथ ही खुद के रोजगार को (To own employment) आगे बढ़ाने का साथ-साथ ये अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण (Rural women training) देकर रोजगार देने का काम कर रही हैं, ताकि अन्य महिलाएं भी आगे बढ़ सके.

women of Devbhog are becoming self reliant
त्मनिर्भर बन रहीं देवभोग की महिलायें

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Published : Sep 29, 2021, 12:38 PM IST

गरियाबंदः गरियाबंद जिले की ग्रामीण महिलाएं (Rural women of Gariaband district) घर की चहारदीवारी से निकलकर जिले में महिलाओं को स्वरोजगार, सुरक्षा और स्वच्छता से जोड़ने के लिए ट्रेनिग (Training) दे रहीं है. दरअसल राजनांदगांव (Rajnandgaon) से पहुंची ट्रेनी अपने अनुभव साझा कर महिलाओं को तैयार करने में जुटी हैं. इसके साथ ही गरियाबंद जिले में कमान संभाल रही जिला पंचायत सदस्य धनमती क्षेत्र (District Panchayat member Dhanmati area handling the command) की महिलाओं को संगठन से जोड़ने (Connecting women to the organization) के पीछे की वजह भी बता रही है.

गरियाबंद जिले की ग्रामीण महिलाएं

100 महिलाओं का चयन

बताया जा रहा है कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए फुलबासन बाई खुद तीन दिन से गरियाबंद में है. पहले चरण में 50 समूह की 100 महिलाओं का चयन किया गया है. जिन्हें दबंग दीदी का नाम दिया गया है. किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों से कैसे निपटना, इन्हें सिखाया जा रहा है. साथ ही ट्रेनिग के बाद अब ये महिलाएं अपने गांव की अन्य महिलाओं को खुद के साथ जोड़ेंगी और गांव में स्वरोजगार के साथ-साथ सुरक्षा, स्वच्छता एवं नशामुक्ति को बढ़ावा देंगी.

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अचार-पापड़ सहित कई उत्पादों का प्रशिक्षण

इसके साथ ही स्वरोजगार के तहत इन्हें अचार, पापड़, बड़ी सहित कई तरह के घरेलू उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ इसकी मार्केटिंग के गुण भी सिखाए जा रहे हैं, ताकि ये खुद की बनाइ वस्तुएं बेच भी सकें. बता दें कि इस प्रशिक्षण के द्वारा कई गांवों की महिलाओं को सबल बनाने का नेक काम शुरू हुआ है. जिस तरह से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं, इस तरह की शिक्षा से उन्हें आगे बढ़ने में काफी मदद ही नहीं मिलेगी. बल्कि यहां की महिलाएं स्वाबलंबी भी बनेंगी

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