गरियाबंद : करो विश्वास नारी पर तो ये इतिहास बदल देगी, जरा सा पंख खोले तो ये आकाश छू लेगी. महिलाओं ने जब जरुरत पड़ी तब ये साबित कर दिखाया है कि ऐसा कोई काम नहीं जो महिलाएं नहीं कर सकती. महिला दिवस के मौके पर ETV भारत आपको एक ऐसी ही महिला से रूबरु करा रहे हैं, जिसने छोटे से गांव में रहकर पोस्टमार्टम जैसा कठिन काम करना शुरू किया है. ये महिला है राजिम की रहने वाली सरस्वती साहानी. घर चलाने और बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी मिलते ही सरस्वती ने पोस्टमार्टम करना शुरू किया. आज सरस्वती एक हजार से ज्यादा शवों का पोस्टमार्टम कर चुकी है.
गरियाबंद के राजिम की रहने वाली सरस्वती साहानी को लोग उसके साहस और काम के लिए जानते हैं. शायद ही कोई महिला होगी जिसने पोस्टमार्टम जैसे काम को बतौर पेशा चुनेगी ऐसे में ये काम कर सरस्वती ने समाज में एक मिसाल पेश की है.
बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी ने दिया साहस