गरियाबंद:संयुक्त राष्ट्र संघ ने 3 जून को दुनिया में साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विश्व साइकिल दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज के समय में पेट्रोलियम ईंधन के बढ़ते दामों और पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए साइकिल जैसे संसाधनों का उपयोग करना नितांत आवश्यक हो गया है. वर्तमान परिवेश में लोग सुविधाभोगी और आरामतलब हो गए हैं. बिना मोटरसाइकिल के घर से निकलना पसंद तक नहीं करते हैं. लेकिन आज भी ऐसे लोग मौजूद है जो दैनिक जीवन में साइकिल चलाना पसंद करते हैं. ऐसे ही एक शख्सियत हैं सेवानिवृत्त व्याख्याता केआर सिन्हा. आरके सिन्हा 69 साल की उम्र में भी स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन सुबह 25 किलोमीटर साइकिलिंग करते हैं. अंचल में स्वावलंबन और मजबूत स्वास्थ्य की मिसाल के रूप में जाने जाते हैं.
रोज क्यों चलाते हैं साइकिल ?
युवा वर्ग अपने सिन्हा गुरूजी को कठोर कार्य करते देख हतप्रभ हो जाते हैं. क्योंकि जिस कार्य को गुरूजी आसानी से कर लेते हैं. वही कार्य उनसे आधी उम्र के युवाओं के लिए भी दुष्कर हो जाता है. सिन्हा अपनी इस कार्य क्षमता का रहस्य बताते हुए कहते हैं कि पैदल चलना, साइकिल चलाना और तैराकी से शरीर का पूर्ण व्यायाम हो जाता है. संयमित खानपान और सही समय पर सोने उठने से स्वस्थ दीर्घायु जीवन पाया जा सकता है. सिन्हा कहते हैं कि स्वस्थ शरीर और पर्यावरण संरक्षण का एक सहज उपाय साइकलिंग है.
लोगों को सेहत के प्रति जागरूक कर रहा रायपुर का TDR साइकलिंग क्लब