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वाह रे सिस्टम ! पोस्टमार्टम के लिए 70 किमी आए लेकिन रिश्वत के लिए गिरवी रखनी पड़ी गाड़ी - रिश्वत की मांग

मैनपुर में पोस्टमार्टम के लिए मृतक के परिजनों को 70 किलोमीटर दूर ब्लॉक मुख्यालय आना पड़ा. यही नहीं पोस्टमार्टम करने वाले स्वीपर ने उनसे रिश्वत भी मांगी.

bribe for postmortem
मृतक के परिजन

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Published : Jul 25, 2020, 6:35 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 10:41 PM IST

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ की दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था की एक बानगी और देख लीजिए. किसी अपने की मौत के बाद नियम कायदे मृतक के परिवार वालों को कितना परेशान कर सकते हैं, ये उनमें से एक है. मैनपुर में पोस्टमार्टम के लिए मृतक के परिजनों को न सिर्फ 70 किलोमीटर दूर ब्लॉक मुख्यालय आना पड़ा बल्कि पोस्टमार्टम करने वाले स्वीपर ने उनसे रिश्वत भी मांगी.

रिश्वत के लिए गिरवी रखनी पड़ी गाड़ी

परिजनों को पैसों की डिमांड पूरी करने के लिए बाइक गिरवी रखनी पड़ी. तब कहीं जाकर शव का पोस्टमार्टम हो पाया. मैनपुर ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसे देवभोग थाना क्षेत्र के चलना पदर गांव के इस परिवार पर पहले दर्द का पहाड़ टूटा फिर सिस्टम की नाकामी से धैर्य.

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रिश्वत लेने का लगाया आरोप

यहां का रहने वाला एक युवक प्रमोद पोर्टी बीते 5 दिन से गायब था. उसकी लाश फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली, जो बुरी तरह खराब हो चुकी थी. शव के पोस्टमार्टम के लिए पहले तो परिवार वाले 70 किलोमीटर दूर मैनपुर ब्लॉक आए. यहां से देवभोग अस्पताल करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर था. किसी तरह जब यह परिवार लाश लेकर मैनपुर पहुंचा तब तक शाम हो चुकी थी. लिहाजा पोस्टमार्टम सुबह करने की बात की गई. लेकिन सुबह पोस्टमार्टम करने वाले स्वीपर ने इनसे रुपयों की मांग कर डाली.

4 हजार रुपए के लिए गिरवी रखी गाड़ी

गरीब परिवारवालों को उसकी मांग पूरी करने के लिए अपनी मोटरसाइकिल गिरवी रखनी पड़ी. जब पैसों का इंतजाम हुआ, तब कहीं जाकर लाश का पोस्टमार्टम हो पाया. पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी ने भी इस मामले में प्रशासन से चर्चा की है. उनका कहना है कि शव के इतनी बुरी हालत में होने के बाद घटनास्थल पर पोस्टमार्टम किया जाना था.

Last Updated : Jul 26, 2020, 10:41 PM IST

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