गरियाबंद:सुपेबेड़ा के ग्रामीण एक बार फिर हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर उतर आए हैं. 70 से ज्यादा ग्रामीण शुद्ध पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी लोगों के लिए परेशानी बन गई है. ऐसे में उन्हें साफ पानी तक मुहैया नहीं कराया जा रहा है. ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
सुपेबेड़ा के ग्रामीण कर रहे धरना प्रदर्शन अमेरिका से सीएम भूपेश ने की सुपेबेड़ा के किडनी रोग पीड़ित की मदद
सुपेबेड़ा के ग्रामीण जल प्रदाय योजना प्रारंभ नहीं होने से नाराज हैं. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है घोषणा करने के बाद आज तक मांगे पूरी नहीं की गई है. 70 से अधिक की संख्या में सुपेबेड़ा के ग्रामीण रैली निकालकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है इसके बाद गांधी मैदान में धरना देंगे. ग्रामीणों ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों ने इच्छा मृत्यु की मांग की है.
सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से गई एक और जान
सुपेबेड़ा में अब तक 72 लोगों की हो चुकी है मौत
सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से मरने वालों की संख्या अब 72 पहुंच गई है. इसके पहले छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके किडनी रोग से प्रभावित गांव सुपेबेड़ा के दौरे पर थीं. राज्यपाल ने वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्या हल करने का वादा किया था. राज्यपाल ने ETV भारत से कहा था कि वे मानवीय दृष्टिकोण से यहां आई थीं. राज्यपाल ने कहा था कि यहां शासन और प्रशासन सभी की जिम्मेदारी है.
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राज्यपाल और मंत्री टीएस सिंहदेव भी पहुंचे थे सुपेबेड़ा
राज्यपाल ने कहा था कि लोगों की समस्याओं का समाधान होगा. उन्होंने कहा कि वे मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लोगों से मिलने आई थीं. राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सुपेबेड़ा पहुंचकर किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों और उनके परिवारों से मुलाकात की थी. सिंहदेव के साथ एम्स रायपुर की टीम भी गई थी. हर संभव मदद कराने की बात कही गई थी, लेकिन कोई योजनाएं सफल होती नहीं दिख रही है. ग्रामीण अब सड़क पर उतर कर हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.