रायपुर: मैं प्याज हूं आप मुझे बखूबी जानते होंगे. मैं आपकी कढ़ाई से लेकर थाली तक का अहम हिस्सा जो हूं. आपने जब चाहा मुझे धारदार चाकू से काटा, मिक्सी और सिलबट्टे में पीसा. उबलते तेल में तला, सलाद के तौर पर इस्तेमाल करने के साथ ही मेरे साथ ना जाने क्या-क्या किया. मैंने कभी शिकायत नहीं की और हमेशा आपके काम आता रहा.
लेकिन आज जो मेरे भाव 20 रुपये से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. उसके पीछे सिस्टम और आप दोनों जिम्मेदार हैं, क्योंकि जो मुझे उगाने के लिए खेत में दिन-रात मेहनत करता है. पसीना बहाता है, कर्ज लेकर मुझे खाद पानी पिलाता है, आप लोगों को न तो उसकी कद्र है और न ही फिक्र, अच्छा बताइए भला आप ने कभी मुझे उगाने वाले किसान से यह पूछने की कोशिश की, कि उसे मेरा सही दाम मिलता है या नहीं. जवाब मुझे पता है नहीं होगा.