गरियाबंद:छत्तीसगढ़ की लोक कला और पंडवानी गायन का अगर नाम लें तो इस क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम तीजन बाई का आता है. देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पंडवानी का प्रदर्शन कर चुकी तीजन बाई भी कोरोना काल के चलते कलाकारों की स्थिति बिगड़ने की बात कह रही हैं. तीजन बाई का कहना है कि कोरोना काल सबसे अधिक कलाकारों के लिए संकट का समय लेकर आया है. कार्यक्रम पूरी तरह बंद होने के चलते कलाकार का जीवन संघर्ष के बीच कट रहा है.
तीजन बाई का साफ तौर पर कहना है कि कलाकारों का जीवन दर्शकों की भीड़ से चलता है. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से न भीड़ लग रही है, न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. कलाकार बेरोजगार हो गए हैं. तीजन बाई ने बताया कि कई कलाकारों की स्थितियां अब अच्छी नहीं हैं. छोटे कलाकारों के लिए उनकी पीड़ा साफ नजर आ रही है.
अब भी पसंद की जाती है पंडवानी
पंडवानी गायन की वर्तमान स्थिति को लेकर पूछे गए सवाल पर तीजन बाई कहतीं हैं कि पंडवानी सुनने वालों की संख्या आज भी लाखों में है. ऐसा नहीं है कि लोग अब इसमें रुचि नहीं लेते. स्कूलों में भी पंडवानी पसंद की जाती है.
नई पीढ़ी भी सीख रही पंडवानी
पंडवानी गायन सीखने में नए कलाकारों को रुचि नहीं होने के सवाल पर तीजन बाई कहतीं हैं कि कई नए चेहरे पंडवानी सीखने के लिए प्रयासरत हैं. लेकिन हर कोई तीजनबाई तो नहीं बन सकता. फिर भी कई नाम हैं जो काफी कुछ कर रहे हैं. तीजन बाई ने कहा कि मेरे पास 200 से ज्यादा बच्चे हैं जो पंडवानी सीख रहे हैं. उनमें से एक मेरी नाती भी है.