गरियाबंद: एक हंसता खेलता परिवार देखते ही देखते बिखर गया है. परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. परिवार को बीमारी ने ऐसा घेरा है कि सबकुछ बर्बाद हो गया है. मां की मौत के बाद परिवार में पिता और बेटी रह गए हैं. दोनों बीमारी से जूझ रहे हैं. आज ये परिवार पाई-पाई को मोहताज है. अब ना कोई कमाने वाला बचा और ना ही शारीरिक रूप से दिव्यांग हो चुके परिवार को संभालने वाला. ऐसे में जैसे-तैसे पिता और बेटी का जीवन कट रहा है. हैरान करने वाली बात ये भी है कि प्रशासन को इसकी खबर भी नहीं है.
बीमारी से उजड़ गया पूरा परिवार
देवभोग के फोकटपारा निवासी 70 वर्षीय अभिराम का परिवार सालभर में पूरी तरह बर्बाद हो गया. पिछले साल अप्रैल तक अभिराम मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहे थे. उनकी पत्नी बेदमती बेटी देबकी के साथ घर संभालती थी. अभिराम अचानक बीमार हुए और कामकाज बंद हो गया. ऐसे में घर की सारी जिम्मेदारी पत्नी बेदमती पर आ गई. मगर दो महीने के भीतर ही पत्नी की मौत हो गई. जिसके बाद पिता की पूरी जिम्मेदारी 20 वर्षीय बेटी देबकी के कंघे पर आ गई. लेकिन अब बेटी की हालत भी ठीक नहीं है. किसी बीमारी के कारण उसके पैर काम नहीं कर रहे. पिता के साथ अब बेटी भी बीमार पड़ गई है. देखते ही देखते दोनो पैरों ने काम करना बंद कर दिया है. बेटी देबकी घिसट-घिसट कर पिता की देखभाल करने को मजबूर है.
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