गरियाबंद :छुरा जनपद क्षेत्र के सरपंचों ने जनपद पंचायत CEO रुचि शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सरपंच CEO को हटाने की मांग पर अड़े हैं. सभी सरपंच धरने पर बैठ गए हैं और मांग पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कह रहे हैं.
सरपंचों ने कहा कि सीईओ उनकी बात नहीं सुनते हैं. सरपंचों का आरोप है कि वे जब भी कोई समस्या लेकर उनसे मिलने जाते हैं, तो उन्हें लिखित में देने कह दिया जाता है. दूसरी बार जाने पर भी सीईओ व्यस्तता का हवाला देकर वही जवाब देती हैं, जिससे उनके काम नहीं हो पा रहे हैं. सरपंचों का दूसरा आरोप CEO का फोन रिसीव नहीं करने को लेकर है. तीसरा आरोप आदिवासी और महिला सरपंचों से ठीक बर्ताव नहीं करने से जुड़ा है. चौथा आरोप निर्माण कार्यों के मूल्यांकन में देरी करने और पांचवां आरोप निर्माण कार्यों की राशि का भुगतान करने में देरी को लेकर है. इसे लेकर कुछ सरपंचों ने कुछ अन्य कर्मचारियों पर कमीशन मांगने का भी आरोप लगाया है.
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सरपंच एकजुट होकर कर रहे हैं प्रदर्शन
सभी सरपंच एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं. भाजपा समर्थित सरपंच यदि धरने पर डटे हैं, तो सत्तापक्ष से ताल्लुक रखने वाले सरपंच भी अपनी आवाज बुलंद कर रहे है. सरपंचों का आरोप है कि जनपद CEO की कार्यशैली के कारण पूरे छुरा ब्लॉक के गांवों को परेशानी हो रही है. वे राजनीति से ऊपर उठकर जनता के लिए और क्षेत्र के विकास के लिए धरने पर बैठे हैं.
जिला पंचायत सदस्यों और आदिवासी समाज का मिला समर्थन
धरने पर बैठे सरपंचों को आदिवासी समाज का समर्थन भी मिल रहा है. सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष भरत दीवान ने स्वयं धरनास्थल पहुंचकर सरपंचों की मांगों को जायज ठहराते हुए अपना समर्थन दिया है. आदिवासी नेता और जिला पंचायत सदस्य फिरतुराम कंवर और जनपद सभापति नीलकंठ ठाकुर ने भी अपना समर्थन दिया है. जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू जनपद CEO रुचि शर्मा की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि काम को लेकर अधिकारी का सुस्त रवैया छुरा क्षेत्र के गांवों पर भारी पड़ रहा है. यही नहीं लक्ष्मी साहू इसे लेकर पहले भी सीईओ को हिदायत दे चुकी हैं. जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि वह सरपंचों के साथ हैं और उनकी मांगों का समर्थन करती हैं.