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गरियाबंदः प्रवासी मजदूरों की वापसी, जानिए हालात से निपटने के लिए कितना तैयार स्वास्थ्य विभाग - District Medical Officer Dr. N Navratna

दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की तैयारी चल रही है. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग जरूरी तैयारियों में जुटा है.

Discussion with CMHO about preparations
सीएमएचओ से तैयारियों को लेकर बातचीत

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Published : May 8, 2020, 11:43 AM IST

गरियाबंद:देशभर में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लागू है. दुर्ग और कवर्धा में नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से शासन-प्रशासन अलर्ट है. इस दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए रेलवे कई ट्रेनें चला रही है. राज्य सरकार के प्रयासों से जिले में कुछ दिनों में लगभग 3 हजार मजदूर अन्य प्रदेशों से वापस लौटने वाले हैं. जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जगह-जगह बैठक लेकर खण्ड चिकित्सा अधिकारी, बीटीओ और बीपीएम को प्रशिक्षण दिया है.

सीएमएचओ से खास बातचीत

शासन प्रशासन को अब यह डर भी बना हुआ है कि एक साथ प्रदेशभर में बाहर से आने वाले हजारों मजदूरों में से आधे प्रतिशत भी बीमार निकल जाते हैं तो करना होगा. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने बड़े स्तर पर सभी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने की तैयारियां कर ली हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए जहां हर ग्राम पंचायत में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, तो वहीं ब्लॉक स्तर पर भी आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जा रही है.

सीएमएचओ से तैयारियों को लेकर बातचीत

ETV भारत ने गरियाबंद के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन नवरत्न से वायरस से जुड़ी नई चुनौतियों के बारे में विस्तृत चर्चा की. उनसे जानने की कोशिश की कि उनकी भविष्य की तैयारियां क्या है? किन बातों का खुद प्रशासन को भी डर है? और केस बढ़ने पर निपटने के लिए क्या जरूरी इंतजाम किए जाएंगे. इस पर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन नवरत्न ने शासन प्रशासन का पक्ष रखते हुए ETV भारत को जानकारी दी.

मजदूर पैदल ही निकल रहे अपने राज्यों के लिए, स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की नहीं है जानकारी

जिला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि राज्य और जिला स्तर पर तैयारियां कर ली है. ग्रामीण स्तर पर केस बढ़ने पर भी तैयारी करना जरूरी है. जिसके लिए उन्होंने खण्ड चिकित्सा अधिकारी, बीटीओ, बीपीएम को प्रशिक्षण दिया है. इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी आइसोलेशन वार्ड का निर्माण करने, बचाव और उपचार को लेकर प्रशिक्षित किया गया.

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