गरियाबंद : वो कहते हैं न कि अगर मन में लगन और जिगर में जज्बा हो तो ईश्वर भी आपकी मदद के लिए कोई न कोई दरवाजा खोल ही देता है. इस बात का जीता, जागता उदहरण है कोसमबुड़ा गांव की रहने वाली भावना ध्रुव. गरीब परिवार में जन्म लेने वाली भावना ने जैसे-तैसे 12वीं तक की पढ़ाई की.
सोशल मीडिया पर पैसे देकर लोगों ने भावना की मदद की इसके बाद वो लॉ की पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन जब भावना के पिता गुमान सिंह को जब पता लगा कि बेटी के कॉलेज की फीस के लिए एक लाख 88 हजार रुपये की दरकार थी. भावना के पिता को जब इस बारे में पता लगा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई, क्योंकि इतनी ज्यादा रकम जुटा पाना उनके लिए सक्षम नहीं था.
पिता को थी भविष्य की चिंता
गरीबी की मार झेल रहे गुमान सिंह को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो करे तो क्या करे. आखों के सामने बेटी के सपने को मरता हुआ देख गुमान का दिल अंदर ही अंदर कचोटे जा रहा था. सरकार की मदद से बेटी ने 12वीं तक की पढ़ाई तो कर ली थी, लेकिन अब उसका भविष्य अंधकार में लग रहा था और यही वजह गुमान सिंह को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी.
सोशल मीडिया से मिली मदद
बेटी को पढ़ाने की व्यवस्था करने की उधेड़-बुन में एक रोज गुमान सिंह रायपुर पहुंचे और उन्होंने प्रेस कर अपनी मजबूरी बताई. बस फिर क्या था किसी पत्रकार ने गुमान सिंह के पूरे इंटरव्यू को गुमान सिंह की बैंक अकाउंट डिटेल के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. पोस्ट तेजी से वायरल हुई और देश के अगल-अलग हिस्सों से गुमान सिंह के अकाउंट में रकम आने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अभी भी जारी है. लोगों की मदद से अब तक गुमान सिंह के अकाउंट में ढाई लाख रुपए से ज्यादा रकम जमा हो चुकी है. लोगों की मदद से गुमान सिंह ने अपनी बेटी भावना का एडमिशन रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ कॉलेज में कराया है.
दानदाताओं को कहा- शुक्रिया
बेटी के सपने को साकार होते देख गुमान सिंह खुश हैं और वो समाज का शुक्रिया अदा कर रहे हैं. हम भी दुआ करेंगे की भावना के सपने साकार हों और वो भी ठीक उसी तरह लोगों की मदद करें, जिस तरह लोगों ने उनकी मदद की है.