गरियाबंद: लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी वर्ग के लोग प्रभावित हुए हैं. इसका सबसे ज्यादा असर निम्न वर्ग के लोगों पर पड़ा है. रोजाना काम करके अपनी रोजी-रोटी चलाने वालों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. लेकिन जिले के छुरा विकासखंड अंतर्गत लोहझर ग्राम की तोरण बाई चक्रधारी 'बिहान योजना' के माध्यम से लाभान्वित हो रही है. पूजा एकता स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने अपने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए समूह से करीब 30 हजार रुपए का कर्ज लिया.
तोरण बाई कर्ज लेने से पहले केवल घर का चौका-बर्तन और बाहर मजदूरी करती थी. तोरण बाई चक्रधारी को अपने भीतर छिपे हुनर का अंदाजा नहीं था. घर में उनके पति युवराज चक्रधारी मिट्टी से परंपरागत बर्तन, मूर्ति और अन्य सजावटी वस्तुएं बनाते थे. तोरण बाई केवल समय-समय पर हाथ बंटाती थी, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद उनकी अंदर की प्रतिभा उभरकर सामने आई.
समूह से लिया था 30 हजार रुपए का कर्ज
गरीबी के कारण उनकी इस कला को पहचान नहीं मिल पा रही थी. तभी तोरण बाई ने समूह से 30 हजार रुपए का कर्ज लेकर इस कला को आगे बढ़ाया. बाजार और सीजन की मांग के अनुरूप मिट्टी की कलात्मक वस्तुएं बनाना शुरू किया और इसमें तोरण बाई ने हाथ बंटाया.
मूर्ति बनाकर 35 से 40 हजार की होती है आय