गरियाबंद:कोरोना वायरस ने लोगों के बीच डर तो पैदा किया ही है लेकिन इसके साथ ही लोगों को जागरूक भी बनाया है. स्वास्थ्य, सफाई, सेहत के लिए करोड़ों-अरबों खर्च करने के बाद भी सरकार वो काम नहीं कर पाई जो कोरोना वायरस ने कर दिखाया लेकिन कोरोना को लेकर खौफ और उसके बचाव को लेकर उठाए जा रहे कदम कई बार कुछ लोगों के लिए मुसीबत का सबब भी बन जा रहे हैं.
ऐसा ही कुछ हुआ गरियाबंद में, जहां कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता एक नन्हें फरिश्ते के लिए काफी दुखदायी साबित हुई, दुखदायी इसलिए क्योंकि इसी जागरूकता के कारण 5 दिन के नवजात को शौचालय में रहना पड़ा.
दरअसल देवभोग के डूमरबहाल में रहने वाली नीलावती को प्रसव पीड़ा के बाद स्थिति असामान्य होने के कारण ओडिशा के विषमकटक अस्पताल ले जाया गया जहां ऑपरेशन के बाद प्रसव हुआ. इसके बाद प्रसूता को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. निजी वाहन से अस्पताल से जैसे ही 5 दिन के मासूम के साथ प्रसूता, उसका पति, सास गांव पहुंचे तो गांव में हल्ला मच गया, फिर क्या था, ग्रामीणों ने 5 दिन के नवजात समेत पूरे परिवार को गांव के बाहर ही रोक दिया. गांववालों की दलील थी कि सभी ओडिशा से आ रहे थे, इस वजह से उन्हें गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा.