गरियाबंद: नक्सल प्रभावित क्षेत्र नागबेल के ग्रामीण 45 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर गरियाबंद कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट पहुंचकर ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर को धान नहीं बेच पाने की समस्या बताई. ग्रामीणों ने बताया कि उनका गांव वन ग्राम कहलाता है. वन अधिकार पत्र मिलने के बावजूद उनके उगाए गए धान की गिरदावरी ठीक ढंग से नहीं की गई. बहुत से किसानों का पंजीयन भी नहीं हुआ है. पंजीयन नहीं होने की वजह से ग्रामीण धान नहीं बेच पा रहे हैं.
ग्रामीणों ने 2 पटवारियों पर पैसे लेने का आरोप भी लगाया है. उनका कहना है कि एक पटवारी ने 500 और दूसरे ने 3 हजार रुपये ग्रामीणों से लिए. लेकिन पैसे देने के बाद भी गिरदावरी में उगाए गए धान का रकबा शून्य लिखा हुआ है.
एसडीएम से की थी शिकायत
ग्रामीणों ने अपनी समस्या के बारे में 31 दिसंबर को एसडीएम को भी आवेदन दिया था. ग्रामीणों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी. ग्रामीण अब तक कई मांगो को अधिकारी और जिम्मेदारों के सामने रख चुके हैं. लेकिन अब तक ग्रामीणों की मांगें पूरी नहीं हो पाई है. न ही उनकी मांगों पर अब तक ढंग से सुनवाई हुई है.