गरियाबंद : सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल के सामने त्रिलोचन सोनवानी नाम का युवक अपनी समस्या रखते हुए भावुक हो गया. युवक ने राज्यपाल को बताया कि उसके परिवार के 17 लोगों की मौत इस बीमारी से हो गई है. युवक ने राज्यपाल से गुजारिश की है कि वे आगे की पीढ़ी को इस बीमारी से बचा लें.
राज्यपाल के सामने भावुक हुआ युवक. मंगलवार को सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उईके से एक युवक ने अपनी समस्यायों का जिक्र नम आंखों से किया. त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि 'सुपेबेड़ा गांव अपनी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है और धीरे-धीरे काल के गाल में समा रहा है'.
राज्यपाल से गांव को है काफी उम्मीदें
युवक ने ETV भारत से चर्चा करते हुए कहा कि 'राज्यपाल से गांव को काफी उम्मीदें हैं, लेकिन इस मामले में पर्याप्त मदद नहीं मिली वह युवक अपनी गांव की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश करेगा'.
डीकेएस की स्थिति ठीक नहीं
वहीं सोनवानी ने बताया कि 'कोई भी ग्रामीण अधिक खर्च होने की वजह से मेकाहारा जाकर इलाज नहीं कराता और डीकेएस की स्थिति भी ठीक नहीं है. वहीं ब्लड बैंक से खून लेने के लिए ग्रामीणों को 1 हजार 50 रुपए देना पड़ता हैं, जिस पर तत्काल स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि अब किसी को एक रुपए भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. सब कुछ निशुल्क होगा'.
सरकारी खर्च पर हो इलाज
सोनवानी ने बताया कि 'उसे इस खर्च की जानकारी नहीं थी. स्वास्थ्य मंत्री ने उसे ही इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी थी और सारा इलाज सरकारी खर्च पर हो. इसके लिए गांव के मरीजों को रायपुर एम्स ले जाकर इलाज कराने को कहा था'.