गरियाबंद:बारिश के लिहाज से गरियाबंद जिला अतिवर्षा वाले जिलों (rain in gariyaband) की श्रेणी में शामिल है. बारिश आते ही जिले की तमाम नदियां, नाले, जलप्रपात उफान पर रहते हैं. लिहाजा इन स्थानों पर बाढ़ से निपटने और सुरक्षा उपायों को लेकर प्रशासन मुस्तैद रहता है. कोरोना के चलते गरियाबंद जिले में फिलहाल पर्यटन स्थल बंद हैं. वाबजूद लोग बारिश का लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं. कई बार मौज-मस्ती के दौरान लोग काफी लापरवाह हो जाते हैं, जिससे अप्रिय घटना भी जाती है. इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस बल, SDF और होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं.
गरियाबंद के पैरी नदी में गोताखोर दल तैयार
पैरी नदी (Flood in Pairi river) में हर साल आने वाली बाढ़ को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग अपनी तैयारी रखता है. इस साल दो अलग-अलग गोताखोर दल तैयार किए गए हैं. जिनके पास अपनी-अपनी बोट है. दोनों दलों में 10-10 गोताखोर तैनात हैं. ये दल राजिम और गरियाबंद में हमेशा मौजूद रहता है. इमरजेंसी सूचना पर ये दल 10 मिनट के भीतर रवाना होकर जिले के किसी भी इलाके में पहुंचने में अधिकतम 1 घंटे का समय लेता है. ज्यादातर बाढ़ के मामले गरियाबंद और राजिम के आसपास के क्षेत्रों में होते हैं. इसलिए इसन इलाकों में आधे घंटे के भीतर घटनास्थल पर पहुंचना और रेस्क्यू प्रारंभ करना इनका लक्ष्य होता है. इन दलों में सभी होमगार्ड के जवान हैं. इनकी कुल संख्या 250 है. बाढ़ आपदा आते ही क्विक रिस्पांस टीम को भेजे जाने के बाद एक बड़ा सपोर्ट दल भी पीछे रवाना किया जाता है.
आपदा प्रबंधन के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध
होमगार्ड के प्रभारी दीपांकुर कुमार का कहना है कि ऐसी आपदाओं में रेस्क्यू के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं. हर टीम के पास अपनी लाइफ जैकेट, बोट, पानी के अंदर काम करने वाली टॉर्च समेत कई और जरूरी उपकरण मौजूद हैं. जरूरत पड़ने पर तत्काल रेस्क्यू टीम को पहुंचाने की व्यवस्था के लिए वाहन हमेशा तैयार रहते हैं. दीपांकुर कुमार ने बताया कि हमारे जवानों ने कई बार अदम्य साहस का परिचय दिया है. बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया है.
छत्तीसगढ़ में बाढ़ को देखते हुए कैसी हैं तैयारियां, पिकनिक स्पॉट्स पर सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम ?
बीते सालों में हुईं दुर्घटनाएं
गरियाबंद जिले में हर साल बारिश के मौसम में पर्यटन स्थल पर लापरवाही के चलते दुर्घटनाओं की खबरें आती रहती हैं. सिकासेर बांध में दो साल पहले रायपुर के मौदहापारा के दो युवक डूब गए थे. इसके अलावा घटारानी पिकनिक स्पॉट पर अभनपुर का एक युवक झरने के ऊपर से सेल्फी लेते हुए नीचे गिर गया था. वहीं देवधारा जलप्रपात में भी एक युवक की गिरने से मौत हो गई थी. इन मौतों के अलावा नदी में बाढ़ आने से हर साल जिले में एक या दो मौतें होती हैं, जिसे देखते हुए प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के लिए रेस्क्यू टीम तैयार
गरियाबंद जिला नदियों, हरे-भरे वनों और पर्यटन स्थलों के लिए जाना जता है. कई कई छोटे-बड़े टूरिस्ट प्लेस मौजूद हैं. बारिश के दिनों में यहां मौसम काफी सुहाना हो जाता है. जिसकी खूबसूरती देखने लोग यहां पहुंचते हैं.
गरियाबंद जिले में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
जतमई