गरियाबंद : जिले में सरकारी जमीन बेचने का मामला (government land sale) सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में पटवारी (Patwari) सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है. मामला छुरा तहसील कार्यालय (Tehsil Office) के ठीक पीछे स्थित जमीन का है. पीड़ित प्रदीप पांडेय और भूपेंद्र सेन ने छुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने मामले की जांच की और पटवारी नटेश्वर नायडू और राजापारा निवासी रमेशर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
सात साल बाद खुला राज
प्रदीप पांडेय एवं भूपेंद्र सेन का आरोप है कि सात साल पहले वर्ष 2014 में उन्होंने रमेशर और बिसेसर से तहसील कार्यालय के पीछे स्थित खसरा नंबर 121 के रकबा 0.07 हेक्टयर को 60-60 हजार में खरीदा था. यह भूमि शासकीय थी. भूमि पर निर्माण के बाद जब उन्हें खुद के साथ धोखाधड़ी होने का अहसास हुआ, तो उन्होंने छुरा थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई.
धोखाधड़ी मामला दर्ज
इस मामले में छुरा पुलिस ने IPC की धारा 65/2021, 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया. जांच में पाया गया कि रमेशर और बिसेसर ने पटवारी नटेश्वर नायडू के साथ मिलकर इस पूरे मामले को अंजाम दिया है. इन आरोपियों ने शासकीय भूमि की कूटरचना कर दस्तावेजों को रमेशर और बिसेसर के नाम किया, साथ ही उनके नाम पर ऋण पुस्तिका भी जारी कर दी. उसके बाद आरोपियों ने ये जमीन प्रदीप पांडेय और भूपेन्द्र सेन को बेच दी. पुलिस ने आरोपी रमेशर और पटवारी नटेश्वर नायडू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं एक आरोपी बिसेसर की पूर्व में ही मौत हो चुकी है.