गरियाबंद: 2016 दिसंबर में आई दंगल मूवी ने गीता और बबिता के संघर्ष और उनकी सफलता को बखूबी दिखाया था. एक पिता कैसे अपनी बेटियों के लिए जी-जान लगाता है, इसकी सबने सराहना भी की थी. ऐसी ही एक स्टोरी गरियाबंद से भी आई है, यहां की छोरियों नेपाल में न सिर्फ देश का मान बढ़ाया है बल्कि प्रदेश का नाम भी रोशन कर आई हैं.
गरियाबंद की देवभोग के कस्तूरबा गांधी आश्रम की छात्राएं अनीता और पद्मलता ने नेपाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में शहर का नाम रोशन करके लौटी हैं. अनीता ने रजत पदक जीता है और पद्मलता ने कांस्य पदक अपने नाम किया है. इसी जीत की खुशी पर देवभोग के लोगों ने दोनों खिलाड़ियों के साथ उनकी कोच को फूल-माला पहना कर भव्य स्वागत किया.
15 दिन की ट्रेनिंग में हासिल की सफलता
अनीता और पद्मलता बताती हैं कि, पहले भी बिना किसी सुविधाओं और अपने कोच के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल हासिल कर चुकी हैं. वहीं कोच बरखा का कहना है कि जज्बे और हौसले के दम पर और 15 दिन की ट्रेनिंग में ही बिना किसी सुविधा के ये सफलता हासिल की है.