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दिवाली पर खाली हैं किसानों के हाथ, औने-पौने दाम पर ठगे जा रहे हैं अन्नदाता - Farmers forced to sell crops at throw away prices

गरियाबंद में धान की फसल की कटाई लगभग शुरू हो गई है, लेकिन दीपावली का त्योहार सामने होने से किसान फसलों को स्थानीय व्यापारियों के पास कम मूल्य पर बेचने के लिए मजबूर हैं.

दिवाली पर खाली हाथ है किसान

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Published : Oct 25, 2019, 3:26 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 3:37 PM IST

गरियाबंदः प्रदेश में समय पर बारिश होने से धान की फसल भी अच्छी हुई है. वहीं बे-मौसम बारिश और फसलों को बीमारी से बचाने के बाद फसल अच्छी होने से किसानो के चेहरे पर खुशी साफ तौर से झलक रही है.

दिवाली पर खाली हाथ है किसान

फिलहाल जिले के किसान धान को बेचने को लेकर चिंता मे दिखाई दे रहे हैं.दीपावली की त्योहार के लिए किसान जहां उत्साहित हैं, वहीं धान की कटाई के बाद उसे उचित मूल्य में नहीं बेचने पाने से परेशान हैं.

कम दामों पर बेचने को मजबूर
जिले में बड़े पैमाने पर धान की कटाई शुरू है, लेकिन शासन की ओर से धान की खरीदी शुरू नहीं होने से वे परेशान हैं. दिवाली का त्योहार सामने होने से किसान अपनी फसल को काटने के बाद स्थानीय व्यापारियों के पास कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर हैं.

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धान खरीदी केंद्र खुलने में बाकी है समय
किसानों के मुताबिक सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 16 नवंबर से शुरू करने का फैसला लिया है. शासन के निर्धारित समय के मुताबिक धान खरीदी लगभग 20 दिन बाद शुरू होगी. एक किसान ने बताया कि फसल की कटाई के बाद मजदूरों को त्योहार की वजह से उनकी मजदूरी जल्दी देना पड़ रहा है. इस स्थिति में किसान स्थानीय व्यापारियों के पास 14 सौ रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य पर धान बेचने के लिए मजबूर हैं. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने धान की फसल का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल रखा है. किसानों ने इस स्थिति को देखते हुए आने वाले सालों में धान की खरीदी जल्द शुरू करने की मांग की है.

Last Updated : Oct 25, 2019, 3:37 PM IST

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