गरियाबंद: जिले में लोगों के रोजगार का जरिया मनरेगा योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. विभाग की आर्थिक तंगी का असर यहां काम करने वाले कर्मचारियों पर दिखने लगा है. इस योजना के तहत वर्षों से काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों को विभाग ने हटाने का फैसला लिया है.
अस्थाई डाटा एंट्री ऑपरेटरों की गई नौकरी
बता दें कि अकेले देवभोग मनरेगा कार्यालय से 15 अस्थाई डाटा एंट्री ऑपरेटरों को निकाल दिया गया है. वहीं पूरे जिले की बात की जाए तो 48 अस्थाई डाटा एंट्री ऑपरेटरों को आवंटन की परेशानी और काम नहीं होने का हवाला देकर नौकरी से निकाला गया है.
युवाओं के सामने रोजगार का संकट
जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. वहीं नौकरी से निकाले गए युवाओं के सामने एक बार फिर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. ये युवा 10 साल से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे और अब इन्हें अचानक निकाल दिया गया है.